राधा रानी ब्रज यात्रा पहुची कृष्ण लीला स्थली पूंछरी का लौठा
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) राधा रानी ब्रजयात्रा राधा रानी की ननिहाल मुखराई से चलकर यमुनावता पारसोली चंद्र सरोवर होते हुए गिर्राज जी की सप्तकोशीय परिक्रमा मार्ग में राजस्थान सीमा में स्थित श्री कृष्ण लीला स्थली पूछरी का लोठा पहुंच कर पड़ाव डाला।
मान मंदिर सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष राधा कांत शास्त्री ने बताया है कि संस्थान के संरक्षक पद्मश्री रमेश बाबा के निर्देशन में चल रही श्री राधा रानी ब्रज यात्रा का उद्द्येश्य मात्र तीर्थ भ्रमण तक सीमित नहीं है अपितु ब्रज के वन सरोवर दिव्य पर्वत यमुना महारानी व गोमाता के सरंक्षण संवर्धन के लिए चेतना जागृत करना भी है। बताया है कि ब्रज के गांव गांव में हरिनाम की रसधारा सतत प्रवाहित होती रहे तभी हम लोग सच्चे ब्रज वासी चलाने के योग्य हैं । इसके लिए मांन मंदिर ने 40हजार गांवों में संकीर्तन प्रभात फेरी चलवाईं जा रही है।
ब्रज के पर्वतोंका संरक्षण के लिए लम्वे संघर्ष किये है और ब्रज का 5232 हैक्टेयर क्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र घोषित करवाया है। अनेक सरोवरों का जीर्णोद्धार किया है।लाखों वृक्ष लगवाए। अभी भी राजस्थान के आदिबद्री व कंनकाँचल पर्वतों के लिये आंदोलन जारी है।
शास्त्री ने बताया है कि यमुनावता गांव से यमुना जी की एक धारा पहले प्रवाहित होती थी आज उसे लोग कल्पना मानते हैं। इसी तरह गिरिराजजी की छाया मथुरा तक पहुंचती थी। गांव पारसोली में सूरदास जी ने अपने आराध्य श्री कृष्ण की आराधना की थीं। यहां चंद्र सरोवर अत्यंत रमणीय है।