ब्रज के पर्वतों पर हो रहे विनाशकारी खनन के खिलाफ साधू-संतों व ग्रामीणों का धरना लगातार 14वे दिन जारी
आदि बद्री परिक्रमा यात्रा का मुस्लिम बहुल गावों ने किया गया यात्रा का भव्य स्वागत
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) आदिबद्री क्षेत्र में चल रहे विनाशकारी खनन के विरोध में ग्राम पसोपा में अनिश्चतकालीन धरने के 14वे दिन शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग धरने पर बैठे । तथा ब्रज के धार्मिक पर्वत आदिबद्री की परिक्रमा यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को जठेरी से आदिबद्री के गावों व पर्वत पर होते हुए डाबक पहुंची । इस यात्रा में हजारों ग्रामीण व साधू संत भगवन्नाम कीर्तन करते हुए व ब्रज के पर्वतों एवं पर्यावरण की रक्षा के नारे लगाते हुए बड़ी श्रद्धा से आदिबद्री पर्वत की परिक्रमा करते नजर आए । शुक्रवार को परिक्रमा कई मुस्लिम बाहुल्य गावों टोडा, गढ़ी, जटवास, कोडली, ककराला मे होते हुए डाबक पहुंची । जटवास व कोडली गावों में मुस्लिम समुदाय के ग्रामवासियों ने ‘जय श्री राधे’ के नारे के साथ सभी यात्रियों पर पुष्प वर्षा व पटका एवं पगड़ी बाँध कर एवं अल्पाहार की व्यवस्था कर यात्रा भव्य स्वागत किया । जटवास व कोडली के पूर्व व वर्तमान सरपंच ने घोषणा की कि आदिबद्री पर्वत पर अब खनन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा व यहाँ खनन कर पर्वत के पत्थरों को ले कर निकलने वाले वाहनों रोका जायेगा । जटवास, कोड्ली, ककराला व डाबक में विशाल जनसभा का भी आयोजन किया गया जिसमे वहां के स्थानीय हाजी, सरपंच व जनप्रतिनिधियों ने कसम खाई कि ब्रज के पर्वतों पर खनन अब बंद हो कर ही रहेगा चाहे इसकेलिए हमें कोई भी परीक्षा देनी पड़े । ककराला के जलाल खान फौजी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण केवल हिन्दुओं के नहीं अपितु सभी ब्रजवासियों के हैं । आदिबद्री पर्वत हमारी सांकृतिक, सामाजिक एवं साम्प्रदायिक एकता का प्रतिक है । इसकी रक्षा करके ही हमारे जीवन व पर्यावरण कि सुरक्षा हो सकती है । मानमंदिर के अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह बड़ा दुःख का विषय है कि ब्रज के पर्वतों के माहत्म्य को पूरी दुनिया समझती है , हमारे मुस्लिम भाई बहन समझते हैं लेकिन सरकार व प्रशासन कुछ खनन माफियों को लाभ पहुचाने के कारण हर समाज के आस्था के प्रतीक व पर्यावरण के लिए महवपूर्ण इन पर्वतों को तुडवा रहा है । उन्होंने कहा कि आज हमारे धरने को जिसको छत्तीसों कोम का समर्थन प्राप्त है के 14दिन होने पर भी न सरकार और ना हीं प्रशासन कि ओर कोई प्रतिनिधि बात करने आया है । पूर्व विधयाक गोपी गुर्जर ने कहा कि अब आन्दोलन को उग्र करने के आलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है | हमारे पीर फकीरों, साधू संतों व इमामों ने प्रकृति कि वंदना करी व इन्हीं दिव्य पर्वतों कि कंदराओं में तपस्या कर अल्लाह की अनुभूति की है । यह पर्वत प्रकृति के संरक्षक ही बल्कि हमारे लिए मूर्तिमान देवता व खुदा के रूप है । 14 किलोमीटर की यात्रा कर परिक्रमा आज रूपवास, तोडा, कोडली, ककराला होते हुए अपने पड़ाव डाबक पहुची । जहाँ बड़ी सभा का आयोजन कर ब्रज के पर्वतों को खनन की विभीषिका से बचाने के लिए आदोलन को उग्र करने का निर्णय लिया गया |
परिक्रमा में हिन्दू –मुस्लिम व अन्य जातियों के ग्रामीणों ने ब्रज के पर्वतों पर हो रहे खनन को अविलम्ब बंद कराने के लिए भगवान् आदिबद्री नाथ से प्रार्थना की । परिक्रमा यात्रा का शनिवार को डाबक से प्रस्थान कर आखरी पड़ाव पसोपा पहुंचेगी जहां एक विशाल महापंचायत का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमे सभी गावों के सरपंच व वरिष्ठ साधू संत एवं जनप्रतिनिधि भाग लेंगें व आन्दोलन की आगे रूप रेखा तैयार की जायेगी | यात्रा में मुख्य रूप से आदिबद्री मंदिर के महंतश्री शिवराम दास महाराज, विजयसिंह सरपंच, सुलतान सिंह सरपंच अलीपुर, दल्ली सरपंच, कहारिका सरपंच, जुहरू सरपंच, रफीक सरपंच, सरपंच टोडा, नन्नू पंडित, महावीर पसोपा, मोहन सिंह नेता, शेखर पटेल, पदम शर्मा, हाफिज, गंगाराम सरपंच, सरपंच बरौली घाऊ आदि उपस्थित रहे ।