पारंपरिक हर्षोउल्लास एवं कोविड की गाइडलाइन के साथ मनाया श्री गणेशोत्सव
शाहपुरा (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बृजेश शर्मा) शाहपुरा के सदर बाजार स्थित श्री गोविंद देव जी के मंदिर में प्रातः कालीन धर्म सभा मे प्रथम पूज्य गजानंद भगवान का प्राकट्योत्सव श्री गणेश चतुर्थी धूमधाम से कोरेना गाइडलाइन के अनुसार मनाई गई. इस अवसर भगवान गणेश जी का सुंदर श्रंगार किया गया. पुजारी पंडित महावीर प्रसाद शर्मा ने भगवान गणेश के प्रथम पूज्य होने का प्रसंग बताया. पंडित शर्मा ने बताया कि स्वास्तिक चिन्ह चिन्ह मात्र नही अपितु ज्योतिष शास्त्र एवं अंक शास्त्र का गूढार्थ विवेचन हैं ।स्वस्तिक चिन्ह बनाते समय रेखाएं काट कर नही बनाए. मध्य मे केंद्र बिंदु बना कर चार दिशा की लाइनें बनाए उसके आगे चार कौण की रेखाएं एवं इसके शीर्ष पर चार अधिपति की रेखाएं बनाये.बायें दाऐ दोने तरफ दो दो रेखाएं बनाए. इस प्रकार इस मेभगवान गणेश के बारह नाम पत्नी ऋदि और सिद्धि और पुत्र शुभ और लाभ.।इ सलिये यह स्वस्तिक' चिन्ह सभी मांगलिक कार्य मे बनाना आवश्यक माना गया है. आज के संदर्भ मे भगवान गणेशसे मेनेजमेंट कोसरलता से जाना जा सकता है. भगवान गणेश माता पिता भक्ति के बेजोड़ उदाहरण हैं इस अवसर पर रंजना डोडिया ने गौरी नंदन थारो अभिनंदन करे सारो संसार.. सुनीता मूंदडा ने घर मे पधारो गजानंद जी सत्य नारायण राजेंद्र मूंदडा ने तुम रिद्धि सिद्धि लेकर आओ गजानंदप्यारा..से गणेश जी का अभिनन्दन किया