ब्रज के पर्वतों पर खनन बन्द कराने की मांग को लेकर 11 साधुओं का आमरण अनशन दूसरे दिन भी रहा जारी
आमरण अनशन पर बैठे साधु संतों ने दी अंतिम सांस तक डटे रहने की चेतावनी
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कराने के लिए जारी धरने के 203 वे शुक्रवार को गांव पसोपा में धरना स्थल पर गुरुवार से आमरण अनशन पर बैठे 11 साधुओं का अनशन दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा । आमरण अनशन पर बैठे संत नारायण चैतन्य बाबा ने कहा कि हमें ब्रजभूमि के लिए मरना मंजूर है। लेकिन अब ब्रज के इन दिव्य पर्वतों पर खनन बर्दाश्त नहीं करेंगे । आमरण अनशन पर बैठे गोविन्द शरण का कहना है कि इस संवेदनहीन सरकार को हम कृष्ण भक्तों व साधुओं की धार्मिक व आध्यात्मिक भावनाओं को समझना चाहिए। आदिबद्री और कनकाचल पर्वत हमारे लिए साक्षात श्रीकृष्ण है । संत विजय दास ने कहा कि इस आमरण अनशन के दौरान अगर हमारे प्राण चले भी जाएं तो हम इसे अपना सौभाग्य मानेंगे कि हमने ब्रज की रक्षा में और सत्य की राह में अपने प्राण न्योछावर किए। लेकिन हमे इस बात का तो खेद नहीं रहेगा कि हमारी प्राणों से प्रिय ब्रजभूमि है इसके विनाश को हम देखते रहे । गुरुवार को धरना स्थल पर संरक्षण समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बड़े आश्चर्य का विषय है की सरकार हम पर लांछन लगा रही है हम लोग खननकर्ताओं से रुपये ऐंठने के लिए यह आंदोलन चला रहे हैं और अब सरकार यह आरोप लगा रही है कि यह एक राजनीतिक आंदोलन है जो बीजेपी पार्टी के द्वारा संचालित है। उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि यह आंदोलन केवल ब्रजवासियों और साधु संतों की धार्मिक व आध्यात्मिक भावना से प्रेरित है ना कि किसी राजनीतिक प्रभाव से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि 11 साधुओं के आमरण अनशन को 24 घण्टे से ऊपर हो गए है लेकिन सरकार ने अभी तक किसी की प्रकार की सुध नहीं ली है। इससे जाहिर होता है कि सरकार इस दिशा में संवेदनहीन बनी हुई है । आदिबद्री के महन्त शिवराम दास ने कहा कि प्रशासन और सरकार इस बात को भूल जाए कि वह किसी भी स्थिति में इस आंदोलन को कुचल सकती है, यह आंदोलन तो अब जब तक हमारे परम आराध्य पर्वत आदिबद्री व कनकाचल जब तक पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हो जाते हैं तब तक जारी रहेगा । ब्रज के परम विरक्त संत रमेश बाबा ने शुक्रवार को आंदोनकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अब और अधिक साधु अथवा वैष्णवो को आमरण अनशन पर बैठने की आवश्यकता नहीं है । इसके बाद अब समिति ने यह निर्णय लिया कि जो साधु आमरण अनशन पर बैठे हैं उनका ही आमरण अनशन जारी रहेगा। लेकिन इसके बाजूद संत श्यामदास समिति की बात को नकारते हुए शुक्रवार को आमरण अनशन पर बैठे गए, जिसके बाद अब ब्रज के पर्वतों को खनन मुक्त करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे साधुओं की संख्या एक दर्जन हो गई हैं। शुक्रवार को धरना स्थल पर सैकड़ों ग्रामीणों व साधुओं के अलावा प्रमुख रूप से मान मंदिर के ब्रजकिशोर बाबा, आदिबद्री धाम के महंत शिवराम दास, गौरांग बाबा, कृष्ण चैतन्य बाबा, हरि बोल बाबा, मुकेश शर्मा, सुल्तान सिंह लोग मोजूद थे।