सरकार की जातिवादी योजना विश्वास के विरोध में चलेगा अविश्वास आंदोलन: राना ठाकुर
जयपुर, राजस्थान
जयपुर- आजाद मंच भारत ए सिविल सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष राना ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 में विश्वास योजना के नाम पर सामान्य वर्ग की उपेक्षा को लेकर कड़े शब्दों में निंदा की है । उन्होंने विश्वास योजना नाम पर इस तुगलक शाही सरकारी आदेश विरुद्ध अविश्वास आंदोलन की घोषणा करते हुए कहां प्रथम रूप से सोशल मीडिया पर अभियान प्रारंभ करेंगे। उन्होंने कहा केंद्र सरकार सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय ने गत दिनों एक सरकारी सहायता योजना तय की है। जिसमे कोरोना संकट से गुजरे अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति तथा पिछड़ा वर्ग के उन छोटे व्यवसाइयों को ब्याज की छूट पर ऋण दिने की घोषणा की है। इस देश की सिरफिरी केंद्र सरकार की इस योजना के हमारे पास इसका स्पष्ट, पुख्ता प्रमाण है।
इस योजना में केंद्र सरकार का कहना है कि जो अनुसूचित जाति जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग कोरोना संकट में अपना ब्यवसाय में नुकसान झेल रहे हैं उसे ब्याज पर छूट लोन का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि कोरोना भी जाति देख कर आता है क्या?
राना ठाकुर में खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना गरीबो के नाम प्रचारित की जा रही है मगर सिर्फ आरक्षित वर्ग विशेष को ही इसका लाभ देने की कुटिल नीति प्रतीत हो रही है। केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार योजना के प्रारूप अनुसार जो 2024 तक चलेगी और इसका लाभ केवल आरक्षित वर्ग ही ले पाएगा सामान्य वर्ग वंचित रहेगा। सरकार द्वारा सामान्य वर्ग की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं हम अथक विरोध करेंगे।
राना ठाकुर में केंद्र सरकार को सिरफीरी सरकार की संज्ञा देते हुए सवाल किये है की क्या अन्य अनारक्षित जातियाँ छोटा व्यवसाय नही करतीं, क्या उन्हें नुकसान नही हुआ , वोट बैंक की राजनीति तुस्टीकरण में लगी अंधी सरकार कहना क्या चाहती है। समझ नहीं आता क्या सामाजिक विघटन के बीच बो रही है ? केंद्र सरकार से संसद और विधान सभा राज्य सभा में बैठे जनप्रतिनिधियों पूछना चाहते हैं कि क्या कोरोना भी जाति देख कर आता है ? जनप्रतिनिधियों को सभी समाज मत देता है फिर सामान्य वर्ग विशेष की उपेक्षा क्यों ?
राना ठाकुर ने खेद जाहिर करते हुए कहा कि आज से ही इस विस्वाश योजना के विरोध में आजाद मंच भारत ए सिविल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा अविश्वास आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा। कोविड-19 सरकार की गाइडलाइन की आड़ में शासन के दबाव में प्रशासन कोई आंदोलन की स्वीकृति प्रदान नहीं कर रहा बल्कि राजघाट दिल्ली सहित देश के किसी भी प्रांत में कहीं भी वर्तमान आरक्षण व्यवस्था एवं काले कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने की स्वीकृति प्रदान नहीं कर रहा है बल्कि गिरफ्तार कर रही है और आंदोलनकारियों को टॉर्चर कर रहे है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार की यह योजना भेदभाव पूर्ण है और इसका विरोध को रोकने के लिए सरकार की दमन कारी नीति स्वतंत्र अभिव्यक्ति के संवैधानिक मौलिक अधिकार का सीधा हनन है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के नाम पर इनकी अवैधानिक भेदभाव पूर्ण सरकारी गलत नीति को लेकर मनमानी, तानाशाही पूर्ण रवैये का विरोध करेंगे । हमारे जागरूक सर्व समाज हित विचारधारा के सभी साथी , संगठन सोशल मीडिया के व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर सहित विभिन्न माध्यमों से जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करेंगे । सभी वर्गों के गरीबों के लिए योजना लागू करने के लिए सहायता योजना सभी वर्गों के लिए लागू करने तक आंदोलन चलाने की घोषणा की है। सोशल मीडिया पर विरोध के साथ ही पोस्टकार्ड अभियान तथा जागरूक संगठनों के पांच व्यक्तियों के शिष्ट मंडल द्वारा सरकार के नाम स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देकर सभी समाजों के गरीब हित में योजना लागू करने की अपील की है। इस सामाजिक भेदभाव पूर्ण योजना के विरोध में राजनीतिक, गैर राजनीतिक , सामाजिक , धार्मिक संगठन देश सर समाज के गरीब हित में साथ सहयोग देकर केंद्र सरकार की इस सामाजिक विघटन तथा देश को पतन कारी योजना का विरोध मे साथ आकर सहयोग से अनुरोध आग्रह किया है।
- देशबंधु जोशी की रिपोर्ट