विद्यालय को बना डाला शिविर स्थल, छात्रों की परीक्षाएं सिर पर, पढ़ाई चौपट
प्रशासन गांव के संग शिविर से आमजन को राहत और छात्रों को आहत, प्रशासन गांव के संग शिविर बन रहा है छात्रों के लिए बाधा
लक्ष्मणगढ़ (अलवर,राजस्थान/गिर्राज प्रसाद सोलंकी) राज्य सरकार के द्वारा आयोजित प्रशासन गांव के संग शिविर अभियान को लेकर छात्रों को हो रही है भारी परेशानी लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र के अंतर्गत जैसे शिविरों का आयोजन हुआ तो देखा गया जावली गांव वही दीनार गांव में दोनों ग्राम पंचायतों पर यह शिविर लग चुके शिविर स्कूलों के अंदर स्थापित करते हुए गांव के नौनिहाल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई-लिखाई में बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है ऐसे में शिविरों को शासन प्रशासन के द्वारा स्कूलों में चलाया जाना न्याय उचित नहीं है। क्योंकि लंबे समय से देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और जिसके चलते स्कूलों में काफी लंबे समय से ताले लटके हुए थे । बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी और अब जाकर के जैसे तैसे पढ़ाई हो का होना शुरू हुआ है स्कूल खुले हैं तो स्कूल जैसे ही खुले हैं तो शासन प्रशासन का यह प्रशासन गांव के संग शिविर अभियान का आयोजन स्कूलों के अंदर ही किया जा रहा है। जिससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। जब प्रशासन हजारों रुपए टेंट व्यवस्था में खर्च कर रहा है, तो टेंट व्यवस्था गांव की चौपाल पर या फिर खेल मैदान पर या किसी बड़े मंदिर धर्मशाला मेंआयोजित होनी चाहिए अगर इसी तरह प्रशासन गांव के संग शिविर विद्यालय में लगेंगे तो छात्रों का पढ़ाई का स्तर नीचे गिरता चला जाएगा स्कूलों के अंदर आज देखा गया बच्चे किस तरह अपने कमरों के गेट बंद करके पढ़ने को मजबूर हैं
वहीं प्रशासन के द्वारा बड़े-बड़े लाउडस्पीकर चलाकर के बच्चों की पढ़ाई को बाधित किया गया वही विद्यालय में लगे पेड़ पौधे की पत्तियां टेनियो सहित हरियाली को नुकसान पहुंचता देखा गया । ऐसे में राज्य सरकार के आदेश 2003 में कोर्ट क्वांटम 6 बी के तहत विद्यालय परिसर में या विद्यालय परिसर के आसपास कोई भी व्यक्ति धूम्रपान तम्बाकू इत्यादि का सेवन ना करें पर कैंपों में खुलेआम बीड़ी सिगरेट मामा जयंती इत्यादि का प्रयोग किया जा रहा है इससे बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह देखना चाहिए तो ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को देखना चाहिए कि प्रशासन गांव के संग शिविर अन्यत्र ही लगे बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो और तो और स्कूली बच्चों से बाल श्रम भी करवाया जाता है अब देखना यह है खबर के पश्चात शासन-प्रशासन कितना हरकत में आता है।
महेंद्र तिवारी (कार्यवाहक प्रधानाचार्य: राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दिनार):-राज्य सरकार एक और दो आमजन को राहत देना चाहती है पर दूसरी ओर अगर विद्यालय के अंदर यह शिविर लगाते हैं तो यह छात्रों के साथ आहत है प्रशासन गांव के संग शिविर का आयोजन स्कूलों में ना करके अन्यत्र लगना चाहिए क्योंकि विद्यालय के अंदर नियम कायदों की अवहेलना हो रही है साउंड का बचना धूम्रपान का होना छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है और ना महामारी से काफी समय से स्कूलों पर ताले लटके हुए थे अभी स्कूल खुलने लगे तो शिविर लगने लगे इन शिविरों को सरकार अन्यत्र लगवाए तो ज्यादा उचित रहेगा।
प्रियांशी (स्कूली छात्रा -कक्षा 10) :- हम राजस्थान सरकार के यशस्वी मुख्यमंत्री के द्वारा चलाई जा रही योजना प्रशासन गांव के संग जैसी महत्वकांक्षी योजना को लेकर के राजस्थान में संचालित किया है जिससे आमजन को लाभ तो पहुंच रहा है किंतु शिविरों को विद्यालय परिसर में ना लगाते हुए अन्यत्र जगह लगे तो कम से कम हमारी पढ़ाई बाधित ना हो वैसे ही लंबे समय से कोरोना महामारी के चलते स्कूलों पर ताले लगे हम घरों में बंद रहे पढ़ाई चौपट रही अब परीक्षाएं नजदीक हैं तो मेरा निवेदन है सरकार से की स्कूलों के अंदर शिविर ना लगे।