कोरोना की दूसरी लहर बच्चों और युवाओं के लिए परिवार जन भी जिम्मेवार
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान) कोरोना की दूसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों और युवाओं के लिए घातक साबित हो रही है। अप्रैल-मई में अब तक देखने को मिला जितने भी केस आए उसमें ज्यादा 40 साल तक की उम्र के हैं।
तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर तक आने की आशंका विशेषज्ञों जता रहे है। कुछ विशेषज्ञ इस तीसरी लहर को बच्चों के लिए ज्यादा घातक बता रहे हैं। क्योंकि इस समय तक 18 साल तक की उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है और आने वाले माह में इसके शुरू होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। पूर्व में 60 से ज्यादा उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन एक मार्च से शुरू हो गया था। अप्रैल में दूसरी लहर के आने तक राज्य के इस उम्र ग्रुप के अधिकांश लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग गई थी। इस का परिणाम अच्छा रहा कि दूसरी लहर में इस उम्र ग्रुप के लोग कम संक्रमित हुए। नवंबर-दिसंबर में इस उम्र ग्रुप के लोग कम ही संक्रमित देखने को मिले।
ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवी सिंह ने बताया कि अधिकतर यह है देखने को मिलता है कि कम उम्र के बच्चों में संक्रमण फैलने का एक प्रमुख कारण यह भी होता है ।
विशेषज्ञों की माने तो इसके पीछे कारण परिवार के ही लोग है। परिवार में कई लोग ऐसे भी है जो संक्रमित तो हो गए, लेकिन उनमें संक्रमण जैसे कोई लक्षण नहीं दिखे और उन्हीं से बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं।
कोरोना अप्रैल से ज्यादा मई के महीने में बच्चों को अधिक प्रभावित कर रहा है। कोरोना संक्रमण में बचाव के लिए आप स्वयं को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। ताकि बच्चे एवं परिवार जन भी सुरक्षित रहे।
- विशेष रिपोर्ट- गिर्राज सौलंकी