रो पड़ी होगी चाचा नेहरू की आत्मा, जब माला पहनाने पर भिड़ गए कॉंग्रेसीजन
'हटो यहां से लाइन में खड़े हो जाओ, आप अध्यक्ष नहीं हो,कार्यकारी हो,हटो। सोनिया गांधी का भी नाम आया।
मामला राजस्थान के अलवर शहर से है जहां यह विवाद कार्यकारी योगेश प्रधान व परिषद अध्यक्ष बीना गुप्ता के बीच हुआ। शर्मनाक घटना है,सत्ताधारी की थू थू। ऐसा विवाद वो भी चाचा नेहरू की पुण्य तिथि पर। हॉक ..थू..? कहा ये जा रहा है,हरीश हॉस्पिटल विवाद में अध्यक्ष को नोटिस कार्यकारी अध्यक्ष के कहने पर दिया गया। आज कार्यकारी अध्यक्ष का परिषद अध्यक्ष से आमना सामना हुआ तो विवाद होगा खुनस निकलेगी। अनुशासन समिति 7 दिन का नोटिस देकर चुप,अध्यक्ष जी हौसले बुलंद हो गए , कार्यकारी जी की बुरी उतारी वो भी नेहरू जी के सामने,पूरी भीड़ के सामने। यहां कार्यकारी जी के धैर्य को मानना पड़ेगा,खून की घूट पीते रहे,बड़ा अपमान सहते रहे,एक तरह से शब्दों से धकेल दिया पर कार्यकारी जी बोले नहीं,सोनिया गांघी जी का नाम जरूर लिया कि मैं कार्यकारी हूँ सोनिया गांधी कार्यकारी है।
आखिर कांग्रेस में ये हो क्या रहा है? कभी कांग्रेस पार्षद कांग्रेस की अध्यक्ष के खिलाफ धरना देते हैं,कभी अध्यक्ष अस्पताल में दादागिरी दिखाते हैं, कभी अनुशासन समिति का नोटिस,
लोग कोरोना से मर रहे हैं,तड़प रहे हैं,,अलवर में कांग्रेसी लड़ रहे हैं। जबसे अजय माकन ने प्रभारी का पद संभाला सब कुछ उलटा पुल्टा है। लेने वाले सत्ता का भी फुल मजा ले रहे हैं,कइयों पर तो ACB की नज़र है। पर ये सब ठीक नहीं। डोटासरा जी कुछ तो करो। --//कृपया कोई कांग्रेसी भाई डोटासरा जी का नम्बर उपलब्ध करादे। ,जनहित में जारी।
- रिपोर्ट- गिर्राज सौलंकी