राज्य सरकार ने की गौशालाओं का अनुदान खत्म करने की तैयारी,गौ भक्तों के साथ गौशाला संचालकों में भारी रोष व्याप्त
राज्य सरकार ने कि गौशालाओं का अनुदान खत्म करने की तैयारी,अब गौ संवर्धन निधि का फंड का उपयोग होगा अन्य मदों पर खर्च करेगी सरकार
दौसा
दौसा 26 अगस्त दौसा जिला मुख्यालय के गिरिराज धरण मंदिर पर गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के प्रदेश महामंत्री गौ पुत्र अवधेश अवस्थी की अध्यक्षता में दौसा जिले की गौ सेवक गौशाला संचालकों गौ भक्तों की बैठक आयोजित की गई
बैठक में गौपुत्र अवधेश अवस्थी ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार ने पिछले दिनों चली विधानसभा में एक विधेयक पास कर गौ संवर्धन नीधि 2016 में जिस मद से राजस्थान की गौशालाओं को अनुदान मिलता था और गौ संवर्धन के लिए कार्य किया जाता था, उस मद में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने नियम बनाया था,कि इस मद का पैसा मात्र गौ माताओं गौशालाओं के संवर्धन और विकास के लिए ही लगाया जाएगा इस पैसे को अनंतर चीजों में खर्च नहीं किया जाएगा। परन्तु वर्तमान गाय विरोधी राजस्थान सरकार ने इस संवर्धन निधि में एक नया विषय जोड़कर इसे आम आपदा प्रबंधन में भी प्रयोग करने के लिए विधानसभा में विधेयक पास किया। जिसे लेकर प्रदेश के गौ भक्तों के साथ गौशाला संचालकों में भारी रोष व्याप्त हो गया है गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के प्रदेश महामंत्री अवधेश अवस्थी ने बताया कि इस विधेयक का विपक्ष ने पूर्ण रुप से विरोध किया परंतु बिना बहस के हट धर्मी सरकार ने गाय विरोधी गतिविधि करते हुए, इस संवर्धन निधि के फंड को अन्य आपदा प्रबंधन में भी प्रयोग करने का प्रस्ताव जबरदस्ती पास कर दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि वर्तमान सरकार की गाय माता के पक्ष में कोई विशेष रूचि नहीं है, यह सरकार धीरे-धीरे गौशालाओं के अनुदान को भी खत्म करने का प्रयास कर रही है।
पिछली बार वर्तमान राजस्थान सरकार ने 9 महीने के अनुदान देने की बात कही थी, उस विषय को तो भूल कर राजस्थान सरकार ने इस निधि का अन्य मदों में उपयोग करने का जो अनुशंसा विधानसभा में प्रस्ताव पारित करवाकर की है इससे धीरे-धीरे गौशालाओं का अनुदान समाप्त हो जाएगा और सरकार इस निधि का दुरुपयोग कर गौशालाओं को हानि पहुंचाने की चेष्टा करेगी।
इस दौरान प्रदेश महामंत्री अवधेश अवस्थी ने कहां की राज्य सरकार के पास वर्तमान में जो गोशाला अनुदान के दायरे में नहीं है, ऐसी 1000 गौशालाओं को सहयोग करने का तो पैसा नहीं था परंतु अन्य आपदाओं में खर्च करने के लिए उन्होंने गौमाता के फंड का पैसा बिल पास कर दिया यह कैसी विडंबना है कि गौ सेवा के लिए इकट्ठे हुए पैसे को अन्य मदों में खर्च करके सरकार गौ भक्तों, गौ सेवकों और गोसेवी संस्थाओं को जानबूझकर मूर्ख बना रही है। और सरकार की गौ माता के प्रति उसकी निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
सरकार ने वादा किया था कि वे अनुदान भी बढ़ाएगी और 12 माह तक अनुदान देने की सिफारिश करेगी। परन्तु सरकार हमारी गाय माता के मद में इकट्ठे हुए पैसे को अन्य मदों में खर्च करके गोवंश के प्रति अन्याय कर रही है राजस्थान प्रदेश के गौभक्त गौशाला संचालक गौ प्रेमी संगठन ऐसा कदापि नहीं होने देंगे इसके लिए संगठन पूरे राजस्थान में जोर शोर से आंदोलन चलाऐगा।
बैठक में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के जीव जंतु कल्याण बोर्ड प्रतिनिधि गौपुत्र अवधेश अवस्थी ने उपस्थित सभी संगठन सदस्य व गौ सेवकों को संबोधित करते हुए कहां की आप सभी गौशाला संचालकों से निवेदन है कि इस प्रस्ताव का पूरे राजस्थान में पुरजोर विरोध हो और सरकार को यह प्रस्ताव वापस लेने के लिए मजबूर किया जाए यदि हम लोग आज नहीं बोले तो भविष्य में गौशालाओं का अनुदान बंद हो जाएगा इसलिए सभी गौशाला संचालकों को इस विधेयक का पुरजोर शब्दों में विरोध करना चाहिए।
आप किसी भी संगठन या संस्था या गौशाला के बहकावे में ना आए और सरकार के इस विधेयक का पुरजोर विरोध करें। संघठन ने सरकार के इस प्रस्ताव पर, निंदा प्रस्ताव पारित किया। श्री बलराम पशु पक्षी सेवा समिति के राधेश्याम गुप्ता कहना है कि सरकार नेगो मंत्रालय बनाया, मंत्री बनाए और अधिकारी भी लगाए, लेकिन हालात नहीं बदले। हर साल गोशालाओं को अनुदान मिलना चाहिए। सरकार जो टैक्स के जरिए कमाई कर रही है, वह भी गोवंश के लिए खर्च नहीं किया जा रहा। अब सरकार विधेयक लाकर इस राशि का प्रयोग प्राकृतिक आपदा सहित अन्य मदों में खर्च करना चाहती है। यह पूरी तरह गलत है। ग्लास की राशि मनुष्य के काम लेना अपराध है। कोरोना के लिए अलग से कोष बनना चाहिए। गोवंश की समस्या तभी हल हो सकती है, जब पंचायत स्तर पर नंदीशालाएं खोले जाए
गौभक्त ब्रजकिशोर शर्मा ने कहा कि विधानसभा में सरकार ने गोग्रास पर कटौती का प्रस्ताव पास करके किया गया निर्णय निंदनीय व गौविरोधी है। गोसंरक्षण व संवर्धन निधी के नाम से प्रदेश में स्टाम्प व वाइन पर सरचार्च लगता है उसका पैसा सिर्फ निराश्रित गायो के चारे-पानी के लिये ही उपयोग करने का प्रावधान था। कल उसको सरकार ने प्रस्ताव लाकर अन्य आपदा के कार्यों में काम लेने का प्रस्ताव पास कर लिया जो बिल्कुल गलत है अनुचित है गोग्रास के नाम से इकठ्ठी की गई राशि अन्य काम में लेना अपराध है अगर जरूरत है तो उसके लिए अलग से कोष बनाना चाहिए।।
होना ये चाहिये था कि इस संकट के समय गोशालाओ को सरकार विशेष राहत पैकेज देती पर इन्होंने तो कटौती की है सभी गोभक्त व गोशाला संचालक इसका पुरजोर विरोध करेंगे
बैठक में बृज राज शर्मा रूपनारायण मांमोरिया लक्ष्मण खंडेलवाल सरजू दास खेमचंद केवाड़िया हर्ष हिंदू राजीव गुर्जर मनन अवस्थी सहित दर्जनों गौशाला संचालक गौभक्त ने अपने विचार प्रकट करते हुए राजस्थान सरकार के इस प्रस्ताव की कड़े शब्दों में निंदा की और सरकार यदि बिल वापस नहीं लेती है तो कड़े आंदोलन की चेतावनी दी
अवधेश कुमार अवस्थी की रिपोर्ट