जैन धर्म के छठवें तीर्थंकर भगवान पदम प्रभू का मनाया गया गर्भ कल्याणक महोत्सव
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) पुरानी डीग स्थित श्री चंद्राप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में बुधवार की प्रात जैन धर्म के 6 छटवे तीर्थकर भगवान पदम प्रभु का गर्भ कल्याणक बड़े धूमधाम एवं उत्साह पूर्वक मनाया गया प्रातः भगवान का अभिषेक कर विशेष पूजा अर्चना की गई।
भक्त हरि जैन ने बताया कि श्री पदम प्रभु भगवान का जन्म कौशांबी नगर में इछवानकु वंश में हुआ था जिनके माता-पिता बनने का सौभाग्य राजा धर्मराज और सुसीमा को प्राप्त हुआ। पदम प्रभु के शरीर का वर्ण लाल और चिन्ह कमल था जैन धर्म के अनुसार कमल पवित्रता का प्रतीक है जो मनुष्य प्रभु के चरणों में अपना जीवन व्यतीत करता है वह कमल की तरह पवित्रता का पात्र बन जाता है भगवान पदम प्रभु के शरीर की शोभा रक्त कमल के समान थी हमें संसार में निस्वार्थ भाव से रहना चाहिए भागवद गीता के अनुसार जिस तरह कीचड़ में खिलने के बाद कमल बेहद सुंदर फूलों में शुमार है उसी तरह मनुष्य को भी विषम परिस्थितियों में हार नहीं माननी चाहिए! इस मौके पर सुरेश जैन, राजेंद्र जैन, योगेश जैन, धर्मेंद्र जैन, पप्पू जैन, वंश जैन, शकुंतला, लक्ष्मी, रजनी सहित बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालु मौजूद थे।