बेरोजगार हुए लोगों सहित खाद्य सुरक्षा सूची से वंचित लोगों को मिला दस किलो प्रति व्यक्ति गेंहू और दो किलो चना राशनकार्ड पर।
रामगढ़ अलवर
सरकार के द्वारा बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों सहित कोरोना महामारी के कारण लगे लाकडाउन में बेरोजगार हुए कम्पनियों में काम करने श्रमिक,रिक्शा चालक,टायर पंचर लगाने वालों सहित अनेक ऐसे लोग जो पात्रता रखने के बावजूद खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल नहीं है उनके लिए सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत मोबाइल से मैसेज भेज राशन डीलर से दस किलो गेहूं प्रति व्यक्ति और दो किलो चना प्रति राशन कार्ड से दो माह तक देना किया है और ऐसे लोगों द्वारा ई-मित्र के माध्यम से डिमांड करने वाले ऐसे लोगों के लिए प्रति व्यक्ति दस किलो गेहूं और दो किलो चना प्रति राशनकार्ड पर देना सुनिश्चित किया है
इसी के अंतर्गत कस्बा अलावडा में और चौमा ग्राम पंचायत में राशन डीलर द्वारा दस किलो गेहूं और दो किलो चना अथवा चना दाल का वितरण शुरू कर दिया है। ऐसे लोगों की सूची बनाने के लिए जांच के लिए पीईईओ के निर्देशन में कमेटी गठित कर दो सरकारी अध्यापकों की ड्यूटी वितरण स्थल पर लगाई गई है।
जिसमें अलावडा में व्याख्याता कैलाश यादव और धर्मपाल की मौजूदगी में राशन वितरण किया जा रहा है।
हैरानी की बात है कि खाद्य सुरक्षा योजना में नियमानुसार एक लाख रुपए से कम आय वाले लोगों को शामिल करने के साथ साथ ऐसे लोगों को शामिल कर रखा है जो धनाढ्य परिवारों से ताल्लुक रखते हैं या सरकारी कर्मचारियों के अभिभावक अथवा सरकारी कर्मचारियों के बेटे भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा ऐसे लोग भी शामिल हैं जो कि वर्षों पूर्व प्लायन कर चुके हैं जिसमें एक नाम बेवा ऊषा कौर पत्नी हंसराज जो कि लगभग 15 वर्ष पूर्व प्लायन कर चुकी है। फिर भी उसका नाम खाद्य सुरक्षा सूची में बदस्तूर चला आ रहा है।
राधेश्याम गेरा की रिपोर्ट