कुपोषण से लड़ने के लिए सामाजिक सहभागिता और गर्भावस्था से ही ध्यान देना जरूरी- भूपेश गर्ग
भुसावर (भरतपुर,राजस्थान/ रामचंद्र सैनी) भरतपुर संभाग के जिला धौलपुर की बाड़ी ब्लॉक की ग्राम पंचायत बिजोली में विद्या ज्योति, यू के के सहयोग से लुपिन ओर मंजरी फाउंडेशन के द्वारा बच्चो के पोषण स्तर को बेहतर करने के लिए लुपिन के अधिशासी निदेशक सीताराम गुप्ता की पहल पर उचित पोषण देश रोशन अभियान के तहत बच्चो के पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए खुशी कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसमे 4 साल से 10 साल तक ऐसे बच्चे जो आंगनवाड़ी ओर सरकारी स्कूल में नामांकित है उन्हें रोज पोषाहार दिया जाएगा।महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक भूपेश गर्ग ने लुपिन ओर मंजरी के द्वारा किये जा कार्यो की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों संस्थाए जिस जन भावना के साथ कार्य कर रही है उसकी वजह से लोगो की सोच में परिवर्तन होने लगा है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर माना जाता है कि बच्चे छोटे हैं और इसलिए उनकी पोषक आवश्यकताएं भी कम हैं और इसलिए छोटे शिशु/बच्चे को उनकी जरूरतों के अनुसार नही खिलाया जाता है। अतः यह कुपोषण के साथ-साथ अक्सर अनुचित शारीरिक एवं मानसिक विकास को जन्म देता है। इसलिए, शिशु और छोटे बच्चों के पोषण पर अत्यधिक महत्व दिया जाना चाहिए ।उन्होंने कहा कि स्वस्थ भोजन की आदतों को अपनाने से बच्चों को न केवल बचपन में बल्कि सम्पूर्ण जीवन में स्वस्थ जीवनशैली का पालन करने में मदद मिलेगी। बाल्यावस्था के दौरान पोषक तत्वों की अत्यधिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, बच्चों को पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन खाना आवश्यक है। इस मौके पर उपस्थित जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शिव कुमार शर्मा ने कहा कि जब एक महिला स्वस्थ् होती है तब वह प्रसन्न रहती है। वह अपने आप को सक्रिय, सृजनशील, समझदार तथा योग्य महसूस करती है। उसमे इतनी शक्ति व बल होता है की वह अपने दैनिक कार्य कर सके उन्होंने कहा कि महिला का स्वास्थ्य उनके जीवन के हर पहलु पर प्रभाव डालता है। हर महिला को सम्पूर्ण जीवन में पूर्ण स्वास्थ्य सेवायें प्राप्त करने का अधिकार है। महिला से सम्बंधित स्वास्थ्य सेवाएं जीवन के हर क्षेत्र में उसके लिए सहायक होनी चाहिये- न केवल उसकी पत्नी व मां की भूमिका के लिए। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था में महिलाओं के खुराक और स्वास्थ्य की देख-रेख की विशेष आवश्यकता होती है। हर मनुष्य को मजबूत दांतों व हड्डियों के लिए कैल्सियम की आवश्यकता होती है । महिलाओं व लड़कियों को अतिरिक्त मात्रा में कैल्सियम चाहिए । एक महिला को पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम चाहिए ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों और उसकी खुद हड्डियां व दांत मजबूत रहे । उन्होंने रोजमर्रा के खाने में संतुलित भोजन के बारे में बताते हुए कहा कि मुली, गाजर, टमाटर, शलगम, खीरा, जैसी कुछ कच्ची सब्जियां प्रतिदिन खानी चाहिए ।उन्होंने परिवार में लड़के और लड़कियों के पोषण में अंतर पर बात करते हुये कहा कि यह सच नहीं है कि लड़कियों को, लड़कों की अपेक्षा, कम भोजन की जरुरत होती है। कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि लड़कों को अधिक भोजन चाहिए । लेकिन यह गलत है अधिकतर समाजों में महिलाएं व लड़कियां उतना ही परिश्रम करती है जीतना की पुरुष व लड़के करते हैं । इसलिए उन्हें भी उतनी ही स्वस्थ रहने की जरुरत होती है । जिन लड़कियों को बचपन में भली भांति खिलाया पिलाया जाता है और वे स्वस्थ रहती है तो बड़े होकर उन्हें पढाई या काम करने में कम समस्याएं होती है और वे स्वस्थ स्त्रियां बनती हैं ।इस मौके पर लुपिन की तरफ से खुशी कार्यक्रम को देख रही नीतू झा ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि जो बच्चे जिनकी आयु 4 साल से 10 साल के बीच है, जिनका आंगनवाड़ी ओर सरकारी स्कूल में नामांकन है और किसी प्राइवेट स्कूल में न है वो बच्चे खुशी प्रोजेक्ट से जोड़े जाएंगे। पहले चरण में 500 बच्चो को इसके साथ जोड़ा जाएगा । रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिनों में बच्चो के लिए पोषण युक्त आहार उपलब्ध होगा। इसमे 1 केला, 250 एमएल दूध, के साथ साथ हलवा, दलिया, पोहा आदि भी अलग अलग दिन दिए जायेंगे। यह सभी सामान मंजरी फाउंडेशन के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा। जिससे उन महिलाओं को भी रोजगार मिल पायेगा। इस मौके पर बिजोली के सरपंच गंगाराम गुर्जर, मंजरी फाउंडेशन के टीम लीडर श्याम जिंदल , ज्योति गर्ग आदि उपस्थित थे।