आज पूर्ण कलाओं के साथ खिलेगा चंद्रमा, शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में सजेगी झांकी, जगह-जगह होगा खीर का वितरण
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) अश्वनी शुक्ल बुधवार को समूचे उप खंड में शरद पूर्णिमा श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाई जाएगी। इस मौके पर घर और मंदिरों में खीर बनाकर उसे चंद्रमा के प्रकाश में रखा जाएगा । जिसका अर्धरात्रि में भोग लगाया जाएगा। मंदिरों में ठाकुरजी का धवल सिंगार किया जाएगा। जिसमें सफेद रंग की पोशाक धारण कराकर धवल पुष्पों से सिंगार किया जाएगा और चांदी की पात्र में खीर का भोग लगाया जाएगा। वृंदावन में बांके बिहारी,कस्बे के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर, राधा वल्लभ मंदिर, द्वारकाधीश, चतुर्भुज सहित अन्य सभी मंदिरों में शरद पूर्णिमा धूमधाम से मनाई जाएगी ।
लक्ष्मण मंदिर के महंत पंडित मुरारी लाल पाराशर ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा सोलह कलाओं के साथ चांदनी बिखेरेगा। मान्यता यह है कि शरद पूर्णिमा को चंद्रमा से अमृत टपकता है। इसलिए शरद पूर्णिमा को चंद्रमा की पूजा की जाती है ।इस दिन चंद्रमा धरती के सबसे निकट होता है। पूर्णिमा की रात्रि में चांद की दूधिया रोशनी धरती को नहलाती है। इस सफेद उजाले के बीच ही शरद पूर्णिमा मनाई जाती है।