विधि-विधान और परंपरागत तरीके से संपन्न हुआ तुलसी विवाह
गुरला: (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बद्रीलाल माली) गुरला नेशनल हाईवे 758 स्थित समरथपुरा में रविवार कार्तिक एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। प्रकृति व धर्म से जुड़े इस विवाह समारोह के दौरान आस्था का प्रतीक तुलसी विवाह में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया, साथ ही भगवान का सुंदर श्रृंगार कर उन्हें आकर्षक परिधान पहनाए गए। तुलसी विवाह का आयोजन आम विवाह की तरह मंदिर प्रागंण में किया गया। गांव की महिलाएं डीजे के साथ भगवान शालिग्राम व ठाकुर जी को सिर पर रखकर नाचते-गाते मंदिर में पहुंची। वहीं वधू पक्ष की महिलाओं ने भजन व गीत गाकर ठाकुर जी का स्वागत किया और विधि-विधान के साथ मां तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न कराया। वरमाला की रस्म के बाद हवन कुंड के चारों ओर तुलसी के पवित्र पौधे व शालिग्राम को गोद में लेकर ग्रामीणों ने सात फेरे कराए। इस दौरान हवन पूजन का भी आयोजन किया गया। महिलाओं ने तुलसी माता को उपहारों के साथ विदाई दी। महिलाओं में प्रसाद का वितरण किया गया। परंपरागत विवाह के लिए तुलसी के पौधे को साड़ी व आभूषण पहना आकर्षक ढंग से सजाया गया था। वहीं ठाकुर जी के साज-सज्जा में भी किसी प्रकार की कमी नहीं रखी गई थी। बदलते दौर के साथ रीति रिवाजों में भी भव्यता की झलक साफ देखने को मिल रही है।। पंडित राजुलाल तिवाड़ी ने बताया कि तुलसी विवाह देवोत्थान एकादशी के दिन संपन्न हुआ था। ऐसे में यह दिन काफी शुभ है।ठाकुरजी की बारात गाव गठिला से चारभुजा की आयी
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गुरला समरथपुरा के भेरूलाल शंकरलाल श्याम लाल रामचन्द्र मुकेश विनोद कालु आर्यन कुमावत के घर ठाकुर जी की बरात आई