जिला प्रशासन और वन विभाग भीलवाड़ा के तत्वावधान में रणजीत सागर तालाब में की वर्ल्ड पक्षी गणना
भीलवाड़ा डेयरी की सहभागिता से एफसीएस एवं जलधारा विकास संस्थान सहभागिता
गुरला (भीलवाडा,राजस्थान/बद्रीलाल माली) गुरला राष्ट्रीय राजमार्ग 758 पर तेज रणजीत सागर तालाब मैं शनिवार को वन विभाग व जिला प्रशासन और भीलवाड़ा डेयरी और जलधारा विकास संस्थान द्वारा वर्ल्ड पक्षी गणना गुरला के रणजीत सागर तालाब पर की गई। इस पक्षी गणना में सुप्रसिद्ध वन्यजीव विशेषज्ञ सतीश कुमार शर्मा, डॉक्टर अनिल कुमार त्रिपाठी, डा अश्विनी जोशी ने उप वन संरक्षक श्री देवेंद्र प्रताप जगावत के नेतृत्व में पक्षी गणना की। इस दौरान 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देखे गए। जिनकी कुल संख्या 4500 से अधिक रही इस अवसर पर गुरला सरपंच श्रवण गुर्जर ठाकुर साहब चंद्रवीर सिंह, रिटायर्ड एक्स एन माथुर, मतीन मोहम्मद, सत्यनारायण सेन ,ग्राम विकास अधिकारी भगवान सिंह चुंडावत, अंकित माथुर, किशन वर्मा, प्रीति शर्मा बद्री लाल माली, विजय सेन ऊकार सिंह ,टेपू सिंह , नवीन सेन, विष्णु त्रिपाठी कन्हैया लाल गुर्जर और सहित बड़ी संख्या में ग्राम जन भी उपस्थित रहे। पक्षी गणना के साथ ही एक पक्षी जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। जिसमें डॉ सतीश शर्मा ने बताया की पक्षी हमारे लिए जरूरी है इन पक्षों का इन पक्षियों का संरक्षण सबको मिलकर करना चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण शुद्ध एवं समृद्ध हो सके इस वार्ता का संयोजन एफसीएस प्रमुख शांतनु कुमार ने किया वन विभाग भीलवाड़ा । डीएफओ डीपी जागावत रेंजर भंवर लाल बारेठ सहायक वनपाल चंद्रपाल सिंह राणावत, वन्दना शर्मा वनरक्षक ज्योती शर्मा वनरक्षक रुपेन्द्र सिंह वनरक्षक भंवर सिंह पशु रक्षक, जलधारा संस्थान के अध्यक्ष महेश नुवाल उपस्थित थे! जो पक्षी देखे गए उन पक्षियों में नॉर्दन शोवलर, लिटिल क्रिस्टेड ग्रीब,कामन कूट, पेलिकन, किंग फिशर, वाइट थ्रोटेड किंग फिशर, इडियन रोलर, कामन मैना, शैलो,पिनटेल, कोम्ब डक, स्पोट बिल डक, कामन मोर हेन देखी गई । डा अनिल त्रिपाठी बताया कि गुर्ला तालाब राजस्थान में दुर्लभ लिटिल कस्टर्ड का प्रजनन स्थल चिन्हित किया गया है ।पहले इसे राजस्थान में केवल उदयपुर के मेनार में ही माना गया था ।गुरला के पहाड़ों में नाइट जार देखा गया है जिसे छपका कहते हैं।