भरतपुर में 108 फीट की गोवर्धन प्रतिमा का होगा पूजन,विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा
आज आयुष्मान, सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग के दौरान गोवर्धन पूजा की जा रही है। आयुष्मान योग सूर्योदय के साथ सुबह 6.36 बजे से शुरू हो चुका है, यह रात 9.57 बजे तक रहेगा। आयुष्मान योग में गोवर्धन पूजा का शुभ फल मिलता है। पूजा करने वाले व्यक्ति की आयु में बढ़ोतरी होती है। भगवान से आयुष्मान होने का आशीर्वाद मिलता है। आयुष्मान के बाद सौभाग्य और प्रीति योग बन रहा है। इसके बाद सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी है। सर्वार्थ सिद्धि और अमृतसिद्धि दोनों दोनों योग दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 23 मिनट तक रहेंगे। इन योगों में गोवर्धन भगवान की पूजा-अर्चना बहुत फलदायक रहेगी।
भरतपुर, राजस्थान
राजस्थान में भरतपुर जिले का यह क्षेत्र ब्रज क्षेत्र में आता है। इसे भगवान कृष्ण की लीला स्थली कहा जाता है। यहां पर दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाने वाले गोवर्धन पर्व का खास महत्व होता है। इस बार सूर्यग्रहण के कारण दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजन नहीं हो सका जिस कारण से बुधवार को गोवर्धन पूजा को खास बनाया जा रहा है।
ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है जिसको लेकर भरतपुर के कॉलेज ग्राउंड में 108 फीट की गोवर्धन प्रतिमा तैयार की गई । 40 महिला-पुरुषों ने एक साथ भगवान गोवर्धन की प्रतिमा तैयार की गई। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह 108 फीट की विशाल गोवर्धन प्रतिमा की पूजा करेंगे। सारा शहर भगवान गोवर्धन के दर्शन करेगा और पूजा करने महिलाएं पहुंचेंगी
राजस्थान रीति रिवाज और परंपराओं का प्रदेश है।भरतपुर के कॉलेज ग्राउंड में जेसीबी से 108 फीट की गोवर्धन प्रतिमा तैयार की गई। एक साथ 40 लोगों ने इसके लिए लोग सैकड़ों किलो गोबर से भगवान गोवर्धन की लेटी हुई प्रतिमा को तैयार कर रहे हैं, दावा है कि यह ब्रज ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी गोवर्धन प्रतिमा है इसके लिए 3 दिन से 40 लोगों ने लगातार मेहनत की। आस-पास की सभी गोशालाओं से 20 ट्रॉली में हजारों किलो गोबर जुटाया गया है।
जिसके लिए 108 फीट की गोवर्धन प्रतिमा बनाने के लिए खास तैयारियां की गई। कॉलेज ग्राउंड के बड़े हिस्से को साफ किया गया ओर पानी छिड़का गया । प्रतिमा बनाने के लिए शहर भर की गोशालाओं से गोबर जुटाकर यहां जेसीबी से मिक्स किया गया। जिसके बाद ग्राउंड पर 108 फीट लम्बे और 80 फीट चौड़े आकार को जमीन पर तैयार कर चूने से आकृति बनाई गई। इसके बाद 40 महिला-पुरुषों ने चूने से बनी आकृति पर गोबर से भगवान गोवर्धन का निर्माण करना शुरू किया। और शाम को पर्यटन मंत्री गोवर्धन पूजा करेंगे, इसके बाद शहर भर के लोग पूजा में शामिल होंगे।
गोवर्धन पूजा के चौघड़िए
चौघड़िया |
समय |
अमृत का चौघड़िया |
सुबह 6.36 से 9.23 बजे |
शुभ का चौघड़िया |
सुबह 10.47 से दोपहर 12 बजे |
चर का चौघड़िया |
दोपहर 2.58 से शाम 4.22 बजे |
लाभ का चौघड़िया |
शाम 4.22 से 5.45 बजे |
शुभ और अमृत का चौघड़िया |
रात 8 बजे से 10.30 बजे |
भाई दूज कल मनाई जाएगी
कल भाई दूज (उदयव्यापिनी दोज) दिन भर रहेगी। इस दौरान सुबह 6.37 बजे से शाम 5.44 बजे तक अलग-अलग चौघड़ियों में तिलक किया जाना शुभ रहेगा। आज दोपहर बाद से दूज तिथि लग जाएगी। लेकिन ढलते सूर्य में दूज नहीं मनाई जाती है, इसलिए 27 अक्टूबर को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा। बहनें भाई को तिलक लगाकर लम्बी उम्र की कामना करेंगी। भाई बहनों को आशीर्वाद और रक्षा का वचन देकर उन्हें गिफ्ट भी देंगे।
भाईदूज पर तिलक का समय
चौघड़िया |
समय |
शुभ का चौघड़िया |
सुबह 6.37 से 8 बजे |
चर का चौघड़िया |
सुबह 10.47 से 12.11 बजे |
अभिजीत,लाभ,अमृत वेला |
दोपहर 12.11 से 2.57 बजे |
शुभ का चौघड़िया |
शाम 4.21 से 5.44 बजे |