पच्चीस साल से फरार बैंक लूट का इनामी वारंटी गिरफ्तार: पीएनबी में दिन दहाड़े पिस्टल की नोंक पर की थी लाखों की लूट
खैरथल (अलवर,राजस्थान/ हीरा लाल भूरानी) समीपवर्ती कस्बे हरसौली में दिनदहाड़े बैंक में घुस कर 41,6,777 रुपए की नकदी लूटने के मामले की प्राथमिकी तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक गोपाल सिंह निर्वान की ओर से दर्ज कराई गई थी। घटना में शामिल लूट का आरोपी 25 साल से फरार 3 हजार रुपए के इनामी वारंटी को पुलिस की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार किया है।
खैरथल के थाना प्रभारी भगवान सहाय शर्मा ने बताया कि 1997 में समीपवर्ती कस्बे हरसौली में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में दिनदहाड़े हुई लूट के मामले में फरार चल रहे आरोपी चरणी गुर्जर पुत्र भोपत गुर्जर निवासी अभयपुरा दमदमा थाना सोहना जिला नुंह मेवात हरियाणा पर अपर सैशन न्यायालय किशनगढ़बास सं 2 को स्थाई वारंटी और भिवाड़ी जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा तीन हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। इस मामले में पुलिस ने पूर्व में बृजभान उर्फ बृजमोहन, सुन्दर पुत्र चरणी गुर्जर, शिवचरण उर्फ श्योराम गुर्जर, जयपाल उर्फ अज्जुर गुर्जर, सुनील पुत्र अजीतसिंह गुर्जर निवासियान उगरपुर जिला बागपत उत्तर प्रदेश और हेतराम पुत्र ताराचंद निवासी बघेली, तहसील किशनगढ़बास अलवर को गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने बताया कि फरार इनामी वारंटी चरणी गुर्जर को गिरफ्तार करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एस एच ओ भगवान सहाय शर्मा, मुख्य आरक्षी रमेशचन्द्, धनपाल सिंह व मंजीत सिंह की गठित विशेष टीम द्वारा आसूचना व मुखबिर की मदद से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
प्रहलाद मंगलानी ने बताया कि इस घटनाक्रम की सूचना पर उन्होंने भी बैंक शाखा में पुलिस के साथ ही पहुंच कर रोचकता देखी वो यह थी कि लुटेरे कार में सवार होकर सूट-बूट में अधिकारी जैसे बन कर बैंक में गये। बाहर करीब बीस बाइस लोग ताश खेल रहे थे उनमें से किसी ने कहा कि बैंक के गेट बंद क्यों किये है तब दूसरे ने कहा कि कैश गिनती कर रहे होंगे। लुटेरों के जाने के बाद बन्द कर्मचारियों ने बताया कि वे लुटेरे थे जो कैश लूट ले गए।तब एक दुकानदार ने हिम्मत दिखाई और कर्मचारी की बाइक से पीछा किया परंतु दुर्भाग्य वश बाइक में पैट्रोल खत्म हो गया।
एक और रोचक बात यह मिली कि बैंक के सामने टेलरिंग के दुकानदार ने पेशाब करने जाते समय बैंक की खिड़की से जैसे ही अंदर झांका कि वहां लुटेरे ने पिस्टल दिखाते ऐसी घुड़की दी कि उसकी घिग्घी बंध गई और घबरा कर पास ही छप्पर में जाकर लेट गया। काफी देर तक उसके मुंह से आवाज ही नहीं निकली। यदि वो बहादुर दिल वाला होता तो भी लुटेरे भाग नहीं पाते।