गोविंदगढ़ ब्लॉक में राजीव गांधी ओलंपिक खेलों में अव्यवस्थाओं का आलम:हो रही महज खानापूर्ति
गोविंदगढ़ अलवर (अमित खेडापति)
गोविंदगढ़ ब्लॉक के राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल कस्बे स्थित राजकीय सीनियर सेकंडरी विद्यालय के खेल ग्राउंड पर आयोजित किए जा रहे हैं जहां पर खो-खो ,रस्साकशी ,कबड्डी ,वॉलीबॉल जैसी छोटी ग्राउंड के खेल ही हो पा रहे हैं क्रिकेट और फुटबॉल के लिए ग्राउंड छोटा होने के कारण उन्हें गोविंदगढ़ कस्बे उपखंड कार्यालय के समीप ग्राउंड पर करवाना पड़ रहा है लेकिन क्रिकेट के हिसाब से वह भी ग्राउंड छोटा है यहां पर खानापूर्ति होती नजर आ रही है।
भोजन की व्यवस्था विकास अधिकारी के जिम्मे,पानी PHED ;-
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने बताया कि विद्यालय परिसर में एक पानी का टैंकर खड़ा कर दिया गया है जिसे जलदाय विभाग के द्वारा भेजा गया और अपने कार्य की इतिश्री कर दी गई जिससे कि बच्चों को पानी पीने के लिए वहां जाना पड़ रहा है लेकिन वहां पर भी बोतल आदि की व्यवस्था नहीं है खेल ग्राउंड के समीप पानी की कोई व्यवस्था नहीं है दोपहर में धूप में खेल रहे खिलाड़ियों के लिए छांव में बैठने की व्यवस्था नहीं है लेकिन अधिकारियों को छांव में बैठने की व्यवस्था पूरी है यहां पर महज खानापूर्ति की जा रही है
इसके अतिरिक्त भोजन भी दोपहर में 2:00 बजे के करीब दिया जा रहा है जो कि इंदिरा रसोई मे ₹8 का बनने वाले पैकेट से भी कम है जिसमे कि सब्जी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। जबकि भोजन की व्यवस्था पंचायत समिति के विकास अधिकारी बच्चू सिंह मीणा एवं सहायक प्रभारी अधिकारी के रूप में अतिरिक्त विकास अधिकारी रामचरण मीणा को यह कार्य सौंपा गया है आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि खिलाड़ियों के भोजन सम्बन्धी व्यवस्थाओं के लिए नियमानुसार कार्यवाही करना और यह आदेश उपखंड अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी किया गया है राजस्थान सरकार के द्वारा सभी व्यवस्थाओ के लिए धन की कोई कमी नही रखी है लेकिन धरातल पर नजर कुछ ओर ही आ रहा है ।
आयोजन के संबंध में जागरुकता व प्रचार-प्रसार का अभाव :-
उत्कृष्ट खिलाडियों को खेलों के शुभारम्भ पर आमंत्रित किया जाना। जो की शुभारंभ के दौरान कहीं भी देखने को नहीं मिला । जबकि क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर तक के खिलाड़ी मौजूद हैं इसके अलावा संपूर्ण क्षेत्र में खेलों के इस आयोजन के संबंध में जागरुकता व प्रचार-प्रसार की गतिविधियां करवाया जाना आदेशों में दर्शाया गया था लेकिन प्रचार प्रसार पूरे क्षेत्र में कहीं भी होता नजर नहीं आया पंचायत स्तर पर भी केवल महज औपचारिकताओं के साथ खेल हुए ।
राजीव गांधी ओलंपिक खेलों के दौरान नहीं देखी गई चिकित्सा व्यवस्था :-
राजीव गांधी ओलंपिक खेलों के आयोजन स्थलों के लिए चिकित्सा दल का गठन कर ड्यूटी लगाया जाना । आदेशों में दर्शाया गया था और आपातकालीन परिस्थिति के लिए सीएचसी पर चिकित्सक व दवाइयों व अन्य व्यवस्थाओं को सदैव तैयार रखने के आदेश दिए गए थे इसके अतिरिक्त आपातकालीन परिस्थिति के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था रखने के आदेश आदर्श गए हैं एवं खेलों के आयोजन स्थलों के मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के पंजीकरण हेतु अधिकतम सार्थक प्रयास करने के आदेश दर्शाए गए लेकिन खेलों के दौरान वहां पर कोई भी नजर नहीं आया मुख्यमंत्री गहलोत के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लाभ आमजन तक पहुंचे यह प्रयास यहां पर कार्मिकों के द्वारा सार्थक सिद्ध होते नजर नहीं आ रहे।
खेलों के दौरान हो रहे विवाद:-
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बच्चों में खेलों की भावना को बढ़ाकर राजस्थान को भारत में पहले नंबर पर ले जाना चाहते हैं लेकिन यहां हो रहे खेलों में भेदभाव का आरोप लग रहे हैं लेकिन खेलों को लेकर उपखंड अधिकारी कार्यालय में कुछ खिलाड़ियों के द्वारा शिकायत भी दर्ज करवाई गई है
इसके अलावा एक मामला रामबास और बरौली के मध्य हुए बालिका कबड्डी के दौरान देखने को मिला जहां बरौली के लोगों ने पक्षपात का आरोप लगाया और मैच खेलने से मना कर दिया जिस पर रामबास को विजेता घोषित कर दिया। खाने का तात्पर्य यह है कि यहां पर हो रहे कार्यक्रमों में व्यवस्थाएं लगातार जारी हैं कुक्षी से की जा रही है की व्यवस्थाएं सुधरे लेकिन इसमें सभी लोग नाकाम होते नजर आ रहे हैं अगर खेलों का आयोजन करवा रहे शारीरिक शिक्षकों से बात करें तो वह ग्राउंड का अभाव की बात करते हैं अधिकारियों से बात करें तो व्यवस्थाएं सही होने की बात कहते हैं लेकिन वह भी दबी जबान से ।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह महत्वकांक्षी योजना है जिससे कि बच्चों के शारीरिक विकास और स्वास्थ्य को लेकर यह प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं लक्ष्य केवल एक है कि बच्चे खेलों से जुड़े और पूरे भारत में राजस्थान पहले नंबर पर आए जिससे कि राजस्थान का नाम सभी खेलों में आगे हो सके। लेकिन धरातल पर इन व्यवस्थाओं के चलते जहां बच्चों को पीने का पानी ,भोजन आदि तक उपलब्ध ना हो सके तो फिर आयोजन किस प्रकार सफल हो पाएंगे