शिक्षक दिवस का उद्देश्य शिक्षकों के प्रति समर्पण और आभार व्यक्त करना
लक्ष्मणगढ़, अलवर (कमलेश जैन)
शिक्षक दिवस भारत के महान शिक्षाविद और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में 5 सितंबर को आज मनाया गया।
भारत में शिक्षक दिवस का आयोजन पंडित श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर 5 सितंबर को आज किया जाता है।
पंडित राधाकृष्णन, जिन्हें चाचा नेहरू द्वारा 'सर्वप्रिय गुरु' कहकर संबोधित किया गया था, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और विचारक थे। उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों से देश को प्रेरित किया और उनकी गुरुता की मान्यता की गई।
शिक्षक दिवस का उद्देश्य शिक्षकों के प्रति समर्पण और आभार व्यक्त करना है, उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देना है और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझने का अवसर प्रदान करना है। आज कस्बे स्थित विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।जिनमें छात्र शिक्षकों के प्रति अपने आदर और आभार को व्यक्त करते हैं।
आज का दिन याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे समाज के नेतृत्व और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शिक्षक बच्चों में अच्छे संस्कार डालकर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाता है। इसलिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस एक विशेष और महत्वपूर्ण दिन है जो हमें शिक्षकों के योगदान की महत्वपूर्णता को समझाने में मदद करता है। यह एक अवसर है जब हम उन गुरुओं का सम्मान कर सकते हैं जिन्होंने हमें ज्ञान का प्रकार और मार्ग दिखाया है।
शिक्षा मानव समाज की नींव होती है और शिक्षक उसके रक्षक और रखवाले होते हैं। उनका कार्यक्षेत्र केवल पढ़ाने-लिखाने तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि वे विद्यार्थियों के चरित्र, नैतिकता, और व्यक्तिगत विकास में भी सहायक होते हैं।
हम भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कठिनाइयों का सामना करें और सफलता प्राप्त करें।
इस प्रकार, शिक्षक दिवस हमारे शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता और सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है और हमें उनके महत्व को समझने में मदद करता है। यह एक दिन है जब हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता और आदर व्यक्त कर सकते हैं ।