जन्माष्टमी के पश्चात आज नवमी पर घर-घर हुई पूजा गोगा जी की
लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ राजस्थान/ कमलेश जैन) ) हिंदू धर्म में हर त्यौहार का अलग-अलग महत्व है। आज भादों मास की कृष्णपक्ष की नवमी तिथि जन्माष्टमी के बाद घरों में गोगा नवमी मनाई गई । इसे गुग्गा नौमि भी कहा जाता है। गोगाजी को गुरु गोरखनाथ का परम शिष्य भी बताया जाता है । लोक देवता जाहरवीर गोगा जी की पूजा अधिकांश घरों में की गई। एवं भोग लगाकर ज्योत प्रज्वलित कर देखी गई। मान्यता है कि गोगा नवमी की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि, सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है।
गोगा जी सर्पदंश से जीवन की रक्षा करते हैं। जाहरवीर गोगा जी राजस्थान के लोक देवता माने जाते है। साथ ही सांपों का देवता मानकर उनकी पूजा की जाती हैं।
जाहरवीर गोगा जी के भक्तो द्वारा आज गोगा नवमी का त्यौहार पूर्ण श्रद्धा और प्रेम से मनाया गया । गोगा नवमी पर घरों में गोगा जी की पूजा व यज्ञ वेदी बनाकर हवन कुछ धर्मलंबियों द्वारा किया।
ऐसी मान्यता है की जाहरवीर गोगा जी की पूजा करने से जातक का जीवन सर्पदंश से सुरक्षित हो जाता हैं। गोगा जी कि कृपा से जातक की सभी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं।
- 1. संतानहीन को संतान की प्राप्ति होती हैं।
- 2. बच्चों वाली महिलाओं के बच्चे दीर्धायु होते है। गोगाजी उनके बालकों के जीवन की रक्षा करते हैं।
- 3. सौभाग्यवती स्त्रियों को अखण्ड़ सौभाग्य प्राप्त होता हैं।
- 4. घर परिवार में सुख-समृद्धि आती हैं।