चार साल बाद भी नहीं मिला यशोदा की मौत का परिजनों को मुआवजा:ड्यूटी के दौरान हुई थी मौत
खैरथल (हीरालाल भूरानी)
कोरोना काल में किशनगढ़ बास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर यशोदा के पद पर 13 साल से काम कर रही संतोष देवी की असामयिक मृत्यु हो हो जाने पर एक साल बाद भी न तो परिजनों को नौकरी मिली और ना ही सरकार की ओर से मुआवजा मिला।
मृतका यशोदा के पति सब्जी का ठेला लगाकर व होमगार्ड की नौकरी कर अपनी चार बेटियों व एक बेटा का पालन पोषण कर रहा है।बेहद गरीब होने के कारण बीपीएल सूची में भी नाम दर्ज है। मृतका के पति सुरेश चंद्र पुत्र प्रभु दयाल ने बताया कि उसकी पत्नी संतोष देवी की गत 24 मई 2020 को ड्यूटी के दौरान हुई मौत के बाद उसकी हालत दयनीय हो गई है। पहले पति व पत्नी की कमाई के जरिए परिवार का पालन पोषण हो रहा था लेकिन अब सारी जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई है। अधिकारियों के चक्कर लगा कर परेशान हो गया हूं।
पीड़ित सुरेश चंद्र ने राज्य के मुख्यमंत्री व खैरथल जिला मुख्यालय पर आकर जिला कलेक्टर को पत्र सौंपकर पत्नी की हुई मौत के स्थान पर बेटे को नौकरी देने व आर्थिक मदद दिलाए जाने की मांग की है।