आत्मशुद्धि का पर्व है दसलक्षण पर्व
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ कमलेश जैन) दिगंबर जैन समाज के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला दसलक्षण पर्व एक बेहद ही पवित्र पर्व माना जाता है। जिसे दस दिनों तक मनाया जाता है। यह एक ऐसा पर्व है, जो आत्मा की शुद्धि पर जोर देता है। ऐसा माना जाता है कि अगर व्यक्ति अपने जीवन में इन दस लक्षणों का सही तरह से पालन करता है, उसे इस संसार व संसार के समस्त दुखों से मुक्ति मिल जाती है। हालांकि, सांसारिक जीवन में रहते हुए इन दस लक्षणों का पालन करना बेहद मुश्किल होता है। क्योंकि व्यक्ति का कहीं ना कहीं अशुभ कर्मों से भी सम्बन्ध हो जाता है। ऐसे में अगर व्यक्ति मन व वचन की शुद्धि के लिए इन दस दिनों में दस लक्षणों का पालन करे तो उसे विशेष लाभ प्राप्त होता है।
दसलक्षण पर्व का तीसरा दिन है उत्तम आर्जव - गुरुवार को दसलक्षण पर्व का तीसरा दिन उत्तम आर्जव है, जो व्यक्ति की भाव शुद्धता पर जोर देता है। यह बताता है कि छल-कपट से जीवन जीने से व्यक्ति को हमेशा दुख भोगना पड़ता है, इसलिए जितना हो सके सरल स्वभाव रखें। साथ ही, मोह-माया व बूरे कर्म सब छोड़कर सरल स्वभाव के साथ परम आनंद मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।