लक्ष्मणगढ़ में परिवर्तन यात्रा का आगमन भाजपा नेता मंच तक नहीं पहुंचने से जनता में मायूसी
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ कमलेश जैन) कस्बे में भाजपा के द्वारा राजस्थान में निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा आज दोपहर लक्ष्मणगढ़ में पहुंची। यात्रा को लेकर क्षेत्र के भाजपायों में जोश और उत्साह बना हुआ था। पिछले तीन-चार दिन से लगातार भाजपा प्रत्याशी उम्मीदवारी जता रहे श्याम सुंदर मीणा ने काफी संख्या में भीड़ भी जुटाई थी। जबकि क्षेत्र में काफी समय से कांग्रेस का कब्जा है। जनता परिवर्तन के मूड में भी थी पर क्या करें जनता से नेता बना रहे हैं दूरियां। परिवर्तन यात्रा के दौरान नेताओं ने दो शब्द तक लक्ष्मणगढ़ की धरा पर नहीं बोला ना ही मंच पर चढ़े जिससे जनता में मायूसी है ।इस घटना से प्रतीत होता है की दिल के अरमां आंसुओं में बह गए भाजपा व लक्ष्मणगढ़ की जनता के अरमान धरे रह गए केवल गाड़ियों में बैठकर आने और शहर गांव में होकर निकलने से परिवर्तन संभव नहीं हो सकता। परिवर्तन यात्रा को लेकर भाजपा नेताओं को जनता ने जमकर कोसा यहां के पदाधिकारियों की लापरवाही के चलते भाजपा परिवर्तन यात्रा को लक्ष्मणगढ़ में नहीं रोक पाए। ऐसे में लक्ष्मणगढ़ की जनता कैसे भाजपा की ओर चले मंच स्थल पर प्रातः 10:00 बजे से इंतजार में थी। परिवर्तन यात्रा पहुंची लगभग 1:00 बजे दो-तीन घंटे के इंतजार के पश्चात भी नेता 5 मिनट नहीं रुके ऐसे में जनता में मायूसी आना स्वाभाविक है यहां कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र वासियों ने आगमन के लिए स्वागत के लिए पलक पांवड़े बिछाए भाजपा नेता श्याम सुंदर के जहां कई लाख रुपए खर्च भी हुए । ऐसे में नेतागण मंच को तवज्जो नहीं दे तो मंच इन्हें तवज्जो कैसे देगा कार्यकर्ताओं के साथ कुठारा घात वैसे नाराज रुठे व्यक्ति को मनाने की कोशिश की जाती है यहां मनाने की तो बात छोड़ो रुठे व्यक्ति से बात भी नहीं की गई। फिर कैसे होंगे मोदी के सपने साकार कैसे होगा राजस्थान में परिवर्तन क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने पुष्पमाला 51 किलो की बनवाई थी। मंच पर पहनानी भी थी पर क्या करें डॉक्टर श्याम सुंदर मीणा भाजपा उम्मीदवार व जनता को माला लेकर के रोड़ तक आना पड़ा चंदक्षण जिला अध्यक्ष भाजपा अशोक गुप्ता व सतीश पूनिया उपनेता प्रतिपक्ष ने लक्ष्मणगढ़ की धरा पर चरण कमल रखें ।और पुष्प माला पहनकर रवाना हुए दो शब्द तक जनता से परिवर्तन यात्रा के बारे में नहीं कहें। सैंकड़ों की संख्या दर्शकों में महिला कार्यकर्ता भी मायूसी के साथ लौटी।