श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का हुआ शुभारंभ:जिले भर की प्रभात फेरियों का हुआ समाघम, महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा
गुरला (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बद्रीलाल माली) गुरला क्षेत्र ग्राम पंचायत भुणाष के गांव मेघरास में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का शुभारंभ हुआ कथा के प्रथम दिन कथा वाचक परम् पूज्य श्री धन्वंतरी दास जी महाराज जी महाराज ने ने भागवत के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा की सत्संग ही कलियुग में मन के भावों को स्थिर बना सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नही होता है। और सौभाग्य के बिना सत्संग सुलभ नही होता, भागवत कथा श्रवण करने से सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं। सात दिन के आयोजन को लेकर उन्होंने कहा की प्राणी मात्र के जीवन में सात वार महत्वपूर्ण है जिनमें प्रतिदिन किसी न किसी देवता की उपासना की जाती है। लेकिन आठवां वार परिवार के लिए होता है। इसी प्रकार जीवन में भजन, और भोजन में अंतर बताते हुए कहा की भजन में कोई मात्रा नहीं होती ,जो सीधा मानव मन को भगवान से जोड़ देता है। इसी प्रकार भोजन में मात्रा होती है, लेकिन व्यक्ति को भोजन भी भजन और प्रसाद के समान ग्रहण करना चाहिए।
इससे पहले सुबह मंगला आरती के बाद गांव में जिले भर की प्रभात फेरियों का अद्भुत संगम हुआ। भक्ति धुनो पर नाचते थिरकते श्रद्धालुओं ने गांव के माहोल भक्तिमय बना दिया। जिसमें मेघरास गांव में हरी बोल प्रभात फेरी के साथ भजनों की प्रस्तुत दी गई उपस्थित महिला ,पुरुष भावविभोर होकर नाचने लगे,प्रभात फेरी गांव की गलियों से होकर गुजरी तो ग्रामवासियों ने पलक पावड़े बिछाकर स्वागत किया। तोरण द्वार लगाए, आरती उतारी और हर घर के बाहर शीतल पेय शीतल जल की व्यवस्था की गई। शोभायात्रा लक्ष्मीनारायण मंदिर पर पहुंची तो ड्रोन से पुष्प वर्षा कर आतिशबाजी कर जोरदार स्वागत किया।
लक्ष्मी नारायण मंदिर से श्रीमद भागवत कथा ग्रंथ को वैदिक मंत्रोचार के साथ मुख्य यजमान किसन लाल शर्मा के सिर पर धारण कराया गया। सैकडों की संख्या में महिलाओं ने कलश यात्रा निकालकर भगवान के जयकारों के साथ कथा स्थल तक पहुंचाया। कथा स्थल पर वैदिक मंत्रोचार के साथ यज्ञ हवन में आहुतियां देकर कथा प्रारंभ की गई। जो प्रतिदिन सुबह 11:00 बजे से दोपहर 4:00 चार बजे तक चलेगी। कथा के बाद महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा