नेताओं के दबाव में आया जिला प्रशासन: अतिक्रमण हटाने के आदेशों पर साधी चुप्पी
खैरथल (हीरालाल भूरानी ) नव गठित जिला खैरथल मुख्यालय पर कलेक्टर ने कस्बे के सौंदर्यीकरण के तहत सड़कों पर हो रहे अस्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए नगरपरिषद को आदेश दिए थे। कलेक्टर के आदेशों पर नगरपरिषद खैरथल ने गत सप्ताह खैरथल कस्बे में लाउडस्पीकर से मुनादी करा कर सरकारी सड़कों पर से अस्थाई अतिक्रमण हटाने का दो दिन का समय देते हुए चेतावनी जारी की गई थी। मुनादी में उन्हें स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था। वहीं चेतावनी दी थी कि अगर अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो अभियान के तहत होने वाले नुक़सान की जिम्मेदारी स्वयं की होगी। इस चेतावनी का असर यह हुआ कि सड़कों पर अतिक्रमण करने वाले मुनादी के बाद डर से अपने आकाओं के चक्कर लगाने शुरू कर दिए।
मजेदार बात यह रही कि नगरपरिषद के अधिकारी समयावधि गुजरने के बाद से आज तक सड़कों पर झांकने की जरूरत ही नहीं समझी। केवल बहाना बनाते रहे कि पुलिस जाब्ता मिलने पर ही कार्यवाही की जाएगी। वहीं जिला प्रशासन भी इस मामले में चुप्पी साध गया। इस संबंध में अब जिला कलेक्टर की चुप्पी भी संदेह के घेरे मे है। लोगों का कहना है कि राजनेताओं के दबाव में चुनावों तक कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। वहीं यह खबर बाजारों में आने पर अतिक्रमण करने वाले पुनः सक्रिय हो गए। रेलवे फाटक शनि मंदिर से अंडरब्रिज तक पुनः चाट पकौड़े व सड़क पर सामान रख कर बेचने वाले उसी स्थान पर वापस आकर जम गए हैं।विदित होगा कि खैरथल में रेलवे फाटक से अंबेडकर सर्किल,मातोर रोड अग्रसेन सर्किल के पास, रेलवे फाटक से हेमू कालाणी चौक, हेमू कालाणी चौक से रेलवे प्लैटफॉर्म नंबर दो पर जाने वाले रास्ते, चालीस फुटा रोड पर अतिक्रमण करने वालों ने न केवल अस्थाई अतिक्रमण किया हुआ है बल्कि सड़क मार्ग को भी संकरा कर दिया है। जिससे हर समय जाम लगा रहता है।