संत होते हैं भगवान का रूप: पूरी दुनिया में संतों से बड़ा कोई नहीं होता:- गुरुदेव भास्कर
पवित्र मनन दीप सत्संग सेवा संस्थान कोटकासिम द्वारा भूतेश्वर मंदिर में ज्ञान यज्ञ का हुआ आयोजन
कोटकासिम (संजय बागड़ी) प्रवचन करते हुए गुरुदेव भास्कर भारद्वाज ने कहा की संत भगवान का रूप होते हैं और संतों से बड़ा पूरी दुनिया में कोई नहीं होता। गुरुदेव ने कहा की संतो के पास धर्म और तपस्या का जो खजाना होता है वह अपने आप में भगवान की एक बड़ी दौलत है जो संतजन समाज और परहित के कल्याण के लिए इस रूहानियत का उपयोग करते हैं। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा की सच्चे संत भगवान के रूप बनकर समाज में आते हैं और समाज को धर्म और भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा की संत लोग जीते जागते भगवान है और संतों के पास ही भगवान के घर की चाबी होती है। आगे उन्होंने यह भी कहा की संतों का सानिध्य भगवान की कृपा के बगैर नहीं मिलता और संत के जीवन में आ जाने से इंसान का जीवन बदल जाता है और जिनके कर्म श्रेष्ठ होते हैं उन पर संत और भगवान दोनों दया करते हैं इसलिए हमें ऐसे कर्म करने चाहिए जो ईश्वर को अति प्रिये हो। उन्होंने सभी भक्तों को ध्यान भजन कराया और सभी भक्तों को ध्यान का विशेष महत्व बताया। इस दौरान सत्संग परिवार के सदस्यों के साथ साथ भारी संख्या में कस्बेवासी मौजूद रहे।