महात्मा ज्योतिबा फूले की मूर्ति का दसवां स्थापना दिवस आज के दौर में भी प्रासंगिक है महात्मा फूले के विचार: माली
गुरला (भीलवाड़ा, बद्रीलाल माली) भारतीय सामाजिक क्रांति के जनक कहे जाने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले एक महान विचारक, कार्यकर्ता, समाज सुधारक, लेखक, दार्शिनक, संपादक और क्रांतिकारी थे। उन्होंने जीवन भर निम्न जाति, महिलाओं और दलितों के उद्धार के लिए कार्य किया। यह विचार फूले सेवा संस्थान के अध्यक्ष गोपाललाल माली ने महात्मा ज्योतिबा फूले मूर्ति के दसवें स्थापना दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने आज की युवा पीढ़ी से समाज में व्याप्त बुराईयों को जड़ से मिटाने का भी आव्हान किया।
‘‘आज के दौर में भी क्यो प्रासंगिक है महात्मा फूले के विचार’’ पर आयोजित गोष्ठी में कई वक्ताओं ने महात्मा फूले द्वारा पिछडा़े के उत्थान पर दिये गये योगदान पर बल देते हुए कहा कि हमें आपसी मतभेद बुलाकर विकास और उत्थान पर ध्यान देना चाहिए। महात्मा फुले हमारे प्ररेणा स्त्रोत है। विचार गोष्ठी से पूर्व फूले के सभी अनुयायियों ने देवरिया बालाजी के समीप स्थित महात्मा ज्योतिबा फूले मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
इस अवसर पर फूले सेवा संस्थान के सचिव शोभा लाल माली, माली (सैनी) महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष भैरूलाल माली, महासभा के जिला महामंत्री सत्यनारायण माली, जिला मंत्री मुरलीधर सैनी, प्रदेश संगठन मंत्री कन्हैयालाल माली, सैनी (माली) कर्मचारी संस्था के जिलाध्यक्ष तोताराम सांखला, सचिव कन्हैयालाल बुलिवाल, माली समाज ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल माली, देबीलाल माली, नानूराम गोयल, गोवर्धन गढ़वाल, लादूलाल माली, चौथमल रागस्या, सोशल मीडिया प्रभारी रोशन गढ़वाल सहित कई लोगों ने महात्मा फूले मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें सजदा किया।