तेजस्विनी महिला सम्मेलन: वैदिक काल से आज तक के समाज जीवन के आदर्शों से प्रेरणा लें - मीनाक्षी ताई पेशवे
राजसमंद (पप्पूलाल कीर) सर्व समाज जागृत महिला संस्थान राजसमंद द्वारा आयोजित "तेजस्विनी" महिला सम्मेलन शहर में तुलसी साधना शिखर पर रविवार को संपन्न हुआ। सम्मेलन सुबह 10:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक तीन चरणों में संपन्न हुआ। प्रथम चरण उद्घाटन सत्र मेंं मुख्य अतिथि साध्वी ऋतंभरा जी की सुशिष्या सुह्रदया गिरी जी, अखिल भारतीय महिला समन्वय संयोजिका एवं अखिल भारतीय मातृशक्ति महामंत्री श्रीमती मीनाक्षी ताई जी पेशवे, विभाग संयोजिका मधु जी चौरडिया व चित्तौड़ प्रांत संयोजिका व उदयपुर महानगर की पूर्व मेयर श्रीमती रजनी जी डांगी मंचासीन थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीमती सोनम जी गुप्ता द्वारा एकल गीत व श्री जैन द्वारा सामूहिक संगान किया गया। तत्पश्चात श्रीमती मधु चोरडिया द्वारा सभी आगंतुकों का व मन्चासीन अतिथियों का स्वागत व परिचय दिया गया। साध्वी श्री सुह्रदया गिरी जी ने बताया कि "नारी सशक्त है तो समाज सशक्त है।" उन्होंने पौराणिक इतिहास के प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत किये। मुख्य वक्ता मीनाक्षी ताई जी ने वैदिक युग से आज तक की नारी का उदाहरण देते हुए उनके समाज जीवन में किए गए समर्पण को अपने आदर्श जीवन में उतारने का आह्वान किया। इस दौरान मंचासीन अतिथियों द्वारा चित्र भारती द्वारा 23 24 व 25 फरवरी को पंचकूला में आयोजित किये जा रहे पांचवें फिल्म फेस्टिवल कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन किया गया।संयोजन रितु जी धोका द्वारा किया गया।
दूसरा चरण चर्चा सत्र के रूप में हुआ। चर्चा सत्र श्रीमती रचना तेलंग, श्रीमती रीटा पालीवाल,श्रीमती रितु धोका, श्रीमती पुष्पा पालीवाल व श्रीमती आशा पालीवाल द्वारा लिया गया। जिसमें आगंतुक बहनों के साथ महिला सुरक्षा, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, ग्रामीण व जनजाति क्षेत्र की समस्या, सामाजिक समस्या, प्रचार प्रसार मे अश्लीलता और निर्णय प्रक्रिया में सहभागीता आदि विषयों पर चर्चा की गई। इस सत्र का संयोजन श्रीमती रचना जी तेलंग द्वारा किया गया। तत्पश्चात एक शिक्षाप्रद नाटक प्रस्तुत किया गया।
भोजन के पश्चात तृतीय सत्र प्रारंभ हुआ। प्रारंभ में श्रीमती ज्योत्सना पोखरना द्वारा एकल गीत प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि साध्वी श्री आई मां कंकू केसर मां व मुख्य वक्ता जोधपुर प्रांत की समन्वय संयोजिका पुष्पा जी जांगिड़ थी। साध्वी श्री जी ने विभिन्न जातियों में बंट रहे समग्र हिंदू समाज को संगठित रहने की प्रेरणा दी। तत्पश्चात मुख्य वक्ता पुष्पा जी जांगिड़ ने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत में शुरू से ही नारियों को पूजनीय माना गया है बीच के कालखंड में हमारे उस दर्जे में कुछ कमी आई। लेकिन हमें पुनः उसे स्तर पर पहुंचाना है। संयोजन मधु चोरड़िया द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में वीरांगनाओं की प्रदर्शनी व स्वदेशी उत्पादों की स्टॉल भी लगाई गई साथ ही महिलाओं के लिए सेल्फी प्वाइंट भी था। अंत में रीटा जी पालीवाल द्वारा आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में कांकरोली राजनगर रेलमगरा कुरज कुंवारिया आमेट देवगढ़ केलवा नाथद्वारा खमनोर मावली फतहनगर भिंडर कानोड की लगभग 1800 बहनों ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए लगभग साठ बहनों ने अपनी सेवाएं दी। समापन मंजू जी मुद्गल द्वारा कल्याण मंत्र के साथ करवाया गया।