फील्ड मे कम दिखाई दे रहे है वर्तमान मे नेता और दिल्ली-जयपुर ज्यादा चक्कर काट रहे है ये भावी उम्मीदवार
राजगढ-लक्षमणगढ रिजर्व एसटी सीट पर 15 साल से लगातार बीजेपी हार का सामना कर रही है ऐसे मे इस बार पूरी दम खम लगा सकती है बीजेपी
राजगढ-लक्षमणगढ विधानसभा क्षेत्र मे कांग्रेस और बीजेपी के भावी उम्मीदवार लगातार अपनी अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओ के सम्पर्क मे
रैणी (अलवर/महेश चन्द मीना) अलवर की (आरक्षित एसटी सीट) राजगढ-लक्षमणगढ विधानसभा क्षेत्र मे आगामी 25 नवम्बर को होने वाले विधायक चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनो ही पार्टी के अनेक उम्मीदवार अपनी अपनी दावेदारी दिखा रहे है लेकिन यहा पर अभी तक कोई सी भी पार्टी ने किसी भी उम्मीदवार को प्रत्याशी के रूप मे घोषित नही किया है इसलिए दोनो ही पार्टी के भावी उम्मीदवार वर्तमान मे इस समय क्षेत्र मे घूमते हुए कम ही दिखाई दे रहे है बल्कि दोनो ही पार्टी के आलाकमान शीर्ष नेताओ के सम्पर्क मे ज्यादा दिखाई दे रहे है तथा फील्ड मे सभी उम्मीदवार अपने अपने टिकट भी पक्का बता रहे है । आगामी कुछ ही समय मे पता लग जायेगा कि कौनसी पार्टी किस उम्मीदवार पर ज्यादा भरोसा करती है और किसे अपनी पार्टी का सिम्बल देकर मैदान मे उतारती है लेकिन अभी कुछ समय का और इन्तजार दिखा रही है दोनो ही पार्टी इन नेताओ को।
राजगढ-लक्षमणगढ विधानसभा क्षेत्र (68) से वर्तमान मे तो दोनो ही पार्टीयो से कम से कम 25--30 उम्मीदवार क्षेत्र मे घूमते हुए दिखाई दे रहे है जिनमे से समाजवादी पार्टी ने तो अपना उम्मीदवार के रूप मे पूर्व विधायक सूरजमल धानका को घोषित कर दिया है लेकिन अभी तक तो बसपा ने भी किसी भी उम्मीदवार को यहा से नही उतारा है और आम आदमी पार्टी ने भी कोई भी उम्मीदवार नही उतारा है और इसी तरह से यहा पर रिजर्व सीट से अभी तक बीजेपी व कांग्रेस पार्टी ने कोई भी उम्मीदवार को अपनी पार्टी का सिम्बल देकर प्रत्याशी घोषित नही किया है इसलिए ही तो ये लगातार सभी भावी उम्मीदवार अपनी अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओ के दिल्ली व जयपुर मे जा जाकर चक्कर काट रहे है।
वैसे इस राजगढ-लक्षमणगढ विधानसभा (68) क्षेत्र (जो कि अनुसूचित जन जाति सीट रिजर्व है) से बीजेपी उम्मीदवार को तो लगातार पिछले तीन कार्यकाल अर्थात 15 साल से पराजित होने का सामना करना पड रहा है क्योंकि यहा 2008 के चुनाव मे समाजवादी पार्टी से सुरजभान धानका विजयी हुआ तथा कांग्रेस से जौहरीलाल मीना को हार का सामना करना पडा और 2013 मे यहा से गोलमा देवी जो कि डाक्टर किरोड़ीलाल मीना की धर्म पत्नी है वो राजपा से विजयी रही व समाजवादी पार्टी के सुरजभान धानका को हार का सामना करना पडा और 2018 मे जौहरीलाल मीना कांग्रेस पार्टी से विजयी रहे व विजय मीना बीजेपी से हार गये थे ऐसे मे इस बार 2023 मे चौथी बार बीजेपी बहुत ही ज्यादा प्रयासरत रहेगी कि यहा पर बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिल सके इसलिए बीजेपी यहा पर किसी प्रभावशाली उम्मीदवार को मैदान मे उतारेगी लेकिन यहा पर फील्ड मे यह चर्चा भी बहुत ही तेजी से सुनने को मिल रही है कि इस बार तो स्थानीय नेताओ को ही चुनने मे वरीयता दी जायेगी इसलिए दोनो ही पार्टी स्थानीय नेताओ को ही वरीयता देगी क्योंकि फील्ड मे लगभग सभी जगह पर ज्यादातर यही सुनने को मिल रहा है कि इस बार स्थानीय नेताओ को ही मतदान करने की बात सुनी जा रही है ऐसे मे देखने की बात है कि कौनसी पार्टी किसको अपना उम्मीदवार बनाती है यह तो आगामी समय मे पता चल सकेगा लेकिन इस रिजर्व सीट पर इस बार बीजेपी कब्जा करने का अथक प्रयास करेगी क्योंकि यहा पर लगातार पिछले 15 साल से बीजेपी का राज खत्म है इसलिए बीजेपी पुन: दबदबा कायम करने के लिए बहुत ही मजबूत और एक्टिव उम्मीदवार को ही प्रत्याशी घोषित करेगी तथा मतदाताओ की भावना को भी ध्यान मे रखकर शायद स्थानीय नेताओ को ही वरीयता दे सकती है लेकिन आगामी समय ही बतायेगा कौनसी पार्टी अपना दाव लगाती है इस रिजर्व एसटी सीट पर।