परिवहन विभाग का ध्यान होने के बावजूद भी परेशान हो रहे यात्री, हादसा हुआ तो कौन होगा जिम्मेदार?
बस में ड्यूटी कर रहे चालक परिचालक अपनी मर्जी से खटाला बस के प्रवेश द्वार पर लांद रहे असीमित सवारी।
गोलाकाबास (अलवर/ रितीक शर्मा) अलवर-दौसा जिले में चलने वाली दौसा डिपो की खटारा बसों के हाल बेहाल नजाने किन महात्मा पुरुषो के आशीर्वाद से टल रहा है प्रतिदिन यात्रियों के साथ हादसा, हर दिन की तरह शुक्रवार को भी थानागाजी से गोलाकाबास होते हुए दौसा जाने आने वाली दौसा डिपो बस आर.जे. 27 पी.ए. 2867 व अन्य बसों में बुजुर्ग, स्कूल-कॉलेज छात्र-छात्राएं व अन्य महिला पुरुष राम कह कह कर अपनी यात्रा को भगवान के हवाले समर्पित कर अपने अपने जीवन के लक्ष्य के लिए हादसे का भय को मुक्त कर बस के प्रवेश द्वार पर लटक यात्रा कर रहे। संवाददाता रितीक शर्मा ने बताते हुए कहा की प्रतिदिन देखने को मिल रहा है की दो रोडवेज परिवहन बसों में क्षमता से बैठने वाली सवारी एक ही बस में प्रतिदिन असीमित नजर आ रही है। जिसके चलते खटारा बसों में यात्रियों के पास वायु तक नही पहुंचने से सांस लेने तक की दिक्कत बनी हुई है जिसके चलते यात्रियों को असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है महंगा। विभाग व प्रशासन को एक जीव की कीमत व हाल बेहाल के संदर्भ में भी सोचना चाहिए। विपत्ति के समय पराए को अपना समझ कर हर एक मोड़ पर खड़ा रहना चाहिए। जबकि सरकार का आदेश है की सार्वजनिक व अन्य परिवहन के किसी भी वाहन में क्षमता से अधिक सवारी बैठाना महंगा पड़ सकता है।
जिसके बावजूद भी असीमित सवारी लांदा जा रहा है। अलवर दौसा परिवहन व अन्य प्रशासन नही दे रहा ध्यान जबकि विपत्ति आने से पहले मिलने वाले संकेत से प्रशासन हो जाता है रखवाला अलर्ट, लेकिन अधिकारी चेन की नींद ले कर हूठा रहे फोकट की तनख्वाह, जब हादसा होता है तब चले दौड़े आते है, मंत्री, नेता, परिवहन विभाग अन्य विभाग अधिकारी, उस समय करते है बड़ी बड़ी घोषणा।
जनहित के लिए परिवहन विभाग से आग्रह: - प्रतिदिन हालातों को देखते हुए अलवर-दौसा परिवहन विभाग व अन्य प्रशासन से आग्रह है दौसा डिपो से चलने वाली गोलाकाबास,थानागाजी,अलवर की ओर आवाजाही करने वाली रोडवेज परिवहन व छात्र छात्राओं, बुजुर्ग महिला पुरुष कभी भी आ सकते है हादसे की चपेट में, संकेतो के मध्य नजर रखते हुए समय समय पर रोडवेज डिपो की बड़ी बसों को प्राथमिकता देते हुए संज्ञान में लाया जाए। जिससे की सवारियों को क्षमता के अनुकूल पर्याप्त जगह मिल सके।