स्वायत शासन विभाग ने विज्ञापनों पर लगाई पाबंदी
जयपुर (बद्रीलाल माली) राजस्थान सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा के लिए लागू की गई आचार संहिता के तीन दिन बाद राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने कल गुरुवार को अपने पत्र क्रमांक 13405 दिनांक 12 अक्टूबर को एक परिपत्र जारी कर राजस्थान की समस्त नगर पालिका, परिषद एवं नगर निकाय संस्थाओं को किसी भी तरह के विज्ञापन जारी करने पर रोक लगा दी है।
स्वायत शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा की ओर से जारी किए गय परिपत्र में लिखा गया है कि किसी भी परिस्थिति में नगर निकायों द्वारा किसी भी समाचार पत्र में आम सूचना, निविदा सूचना, आपत्ती सूचना एवं 26 जनवरी 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्व पर भी कोई नगर पालिका नगर परिषद नगर निकायों की ओर से शुभकामना संबंधित विज्ञापन भी जारी नहीं किए जाएं अन्यथा जारी होने वाले विज्ञापन का भुगतान राज्य सरकार की ओर से नहीं किया जाएगा और अगर ऐसे किसी भी विज्ञापन का भुगतान किया जाता है तो राज्य सरकार उस संबंधित अधिकारी से इसकी वसूली करेगी, पत्र में उच्चतम न्यायालय एवं राजस्थान हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए किसी भी तरह के विज्ञापनों पर सख्ती से पाबंदी लगा दी गई है ।
पत्र में इस बात का विशेष उल्लेख किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति या संस्था द्वारा नगर निकाय कि बिना लिखित स्वीकृति या मौखिक आदेश के माध्यम से भी कोई विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है तो ऐसे व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जा सकेगी, पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि समाचार पत्रों में किसी भी तरह के नगर निकाय विज्ञापनों के लिए प्रदत्त वित्तीय अधिकारों के तहत राजस्थान संवाद एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से ही विज्ञापन प्रकाशित किये जा सकेंगे।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत के स्तर पर राजनेताओं द्वारा धार्मिक पर्व एवं त्योहारों सहित स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले शुभकामनाओं के विज्ञापनों के खर्च पर भी सरकार ने अंकुश लगाने के कड़े नियमों की पालना के निर्देश दिए हैं ।