खनिज विभाग, पुलिस प्रशासन व रॉयल्टी ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण धड़ल्ले से निकल रही है अवैध पत्थर की ठेलिया
सरकार को लगाया जा लाखों रुपए का चूना: शिकायत के बाद भी अधिकारियों के कानों पर नही रेंगती जूं
भरतपुर (कोशलेन्द्र दत्तात्रेय) रूपवास कस्बे में रोजाना खनिज विभाग,पुलिस प्रशासन व रॉयल्टी ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण ट्रैक्टरो के जरिये धड़ल्ले से अवैध पत्थर की ठेलियो निकल रही है। सभी ट्रैक्टर बंसी पहाड़पुर से बिनउआ, दोरदा, मालोनी के रास्ते कस्बे में आते है। पत्थर की ठेवियो भरे ट्रैक्टर ट्रॉली जब कस्बे के बीचों बीच से इतनी रफ्तार से निकलते है तो हालात ये होते है कि रास्ते में चलने वाले वाहन चालक और राहगीर रास्ते के एक तरफ खड़े होकर मात्र दर्शनार्थी बने खड़े हो जाते है। ठेलियो से लदे ट्रैक्टर ट्रॉली खनिज विभाग और पुलिस के बिना भय के ही कई बार तो दिन में ही एक साथ लाइन लगाकर निकलते है जिससे कस्बे में जाम की स्थिति भी बन जाती हैं। इन ट्रेक्टरों से गांव खानुआ , फतेहपुर सीकरी मोड़, कस्बे में भरतपुर रोड पुल के पास, जरैला,खानसुरजापुर में ठेवियो को उतारा जाता है। इस काम मे खनिज विभाग, पुलिस व रॉयल्टी ठेकेदारों की मिलीभगत होती है। क्योंकि बंसी पहाड़पुर से कस्बे तक जगह जगह रॉयल्टी के नाके है। इसके बाद भी इन ट्रैक्टरों का इन जगहों से निकलना संदेह की निगाह से देखा जा सकता है। जानकार लोगों का कहना है कि रॉयल्टी ठेकेदार के कर्मचारी इन ट्रैक्टरों को सादा पर्ची काटकर अवैध रूप से वसूली कर सरकार को राजस्व का लाखों रुपए रोज का चूना लगा रहे है। जब इसकी शिकायत खनिज विभाग के एएमई देवेंद्र चौहान से की गई तो उन्होंने रूपवास के अलावा करौली क्षेत्र का कार्यभार संभालने की बात कह कर खनिज विभाग के फोरमैन प्रदीप वर्मा को शिकायत करने की बात कह कर बात टाल रहे हैं। दूसरी ओर फोरमैन प्रदीप वर्मा से इसकी शिकायत की गई तो पहले तो उन्होंने कार्यवाही का आश्वासन दिया ।लेकिन बाद में फोन उठाना ही बंद कर दिया। वही पुलिस की नाक के नीचे इन ठेवियो का उतरना ओर फिर मजदूरों द्वारा इनको काटकर पट्टियों का रुप देने की बात पता नहीं चलना। यह लोगों के गले नही उतर रही है। जबकि हकीकत में पुलिस को सब कुछ मालूम होने के बाद भी अनजान बनने का नाटक लोगो की समझ से परे है। जबकि ठेलियो को भरकर लाने वाले ट्रेक्टर चालक अपनी जान जोखिम में डालकर दिन रात इस अवैध धंधे में लगे हुए हैं और सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे है। इस बारे में खनिज विभाग अधिकारियों और पुलिस से पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं देते हुए कार्यवाही करेंगे, दिखवाएंगे की बात कहकर टालमटोल करते रहते हैं। इसके अलावा किसी दिन कस्बे रेलवे फाटक के पास बड़ा हादसा हो सकता है। क्योंकि ठेलियो के आकार और वजन के कारण ट्रेक्टर उठकर आसमान की ओर हो जाता है तथा चालक मुश्किल से गियर ब्रेक लगाकर उसका संतुलन बैठाता है।
इसके अलावा जानकारों का कहना है कि खनिज विभाग के फोरमैन प्रदीप वर्मा रॉयल्टी से मिलीभगत के चलते दिखावा करते हुए छोटे अवैध खननकर्ताओं पर छोटी मोटी कार्यवाही कर अपनी रिपोर्ट पेश कर देते है लेकिन हकीकत में कार्यवाही के नाम पर फोरमैन प्रदीप वर्मा को ठेलियो से लदे ट्रैक्टर ट्रालियों पर इनकी नजर न पड़ना रॉयल्टी से मिलीभगत को दर्शाता है।
ठेलियो से लदे ट्रैक्टर ट्रॉली के एक चालक ने नाम न लिखने और बिना कैमरा पर न आने की शर्त पर बताया कि ठेली से भरे ट्रैक्टर से सादा टोकन देकर 3 से 3 हजार 500 रूपये लेकर भरतपुर जिले के पूरे प्रशासन की कार्यवाही न करने की जिम्मेदारी रॉयल्टी ठेकेदार द्वारा ली जाती है।