37वाँ श्री शिव महापुराण कथा एवं श्री श्याम कीर्तन महोत्सव का आयोजन जारी
कोटपुतली -बहरोड़ (इशाक खान)
श्री श्याम शक्ति मण्डल कोटपूतली ट्रस्ट के तत्वाधान में 37 वाँ श्री शिव महापुराण कथा एवं श्री श्याम कीर्तन महोत्सव का आयोजन निरन्तर जारी है। चतुर्थ दिवस शुक्रवार को शिव महापुराण कथा में कथाव्यास महंत राधेश्याम व्यास ने सद्गुरु का जीवन में महत्व, गृहस्थ में ग्रह मंदिर स्थापना, नित्यक्रम पूजा पद्धति का पालन समेत अनेक प्रसंगों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम भगवान ने अपने आप को सदाशिव के रूप से काशी नगरी में प्राकृटय किया था, जो आज काशी विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है। जब भी हमें काशी जाने का अवसर मिले सर्वप्रथम गंगा नदी में स्नान करें उसके बाद काल भैरव के दर्शन करें, जिसके बाद भगवान काशी विश्वनाथ के दर्शन करें। माता अन्नपूर्णा व महालक्ष्मी के दर्शन करें वहां साक्षात भगवान शंकर भक्तों को भक्ति रस देने के लिए सदैव खड़े रहते हैं। सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु जी को भी भगवान शिव ने ही प्राकट्य किया था और इन दोनों को सतमार्ग और सद्गुरु का आशीर्वाद भी भगवान शंकर ने दिया था। उन्हीं से भगवान विष्णु का अवतार हुआ और जब विष्णु जी ने तपस्या की तब उन्हीं से ब्रह्मा जी ने अवतार लिया और दोनों के सदगुरु स्वयं भगवान शकर ही है। उन्होंने कहा कि जा पर कृपा राम की होई ता पर कृपा करें सब कोई जिस पर प्रभु राम का आर्शीवाद है स्नेह है, उसका दुनिया में कोई भी बाल भी बांका नहीं कर सकता उस पर सभी की कृपा बनी रहती है।
कलयुग में सनातन धर्म का पालन नहीं कर रहे उसके कारण इंसान का पतन हो रहा है और उसको सब कुछ मिल रहा है लेकिन आत्मिक शांति नहीं मिल रही है, आत्मिक शांति तभी संभव है जब हर इंसान अपने सनातन धर्म का पालन करेगा और संतों द्वारा बताए गए सत्कर्मों का पालन करेगा और सनातन धर्म की पालना करेगा तभी उसका जीवन सार्थक बनेगा। विनाशकाले विपरीत बुद्धि और इंसान की बुद्धि तभी सहीं होती है जब उसको सतमार्ग और सदगुरु का आशीर्वाद मिलता है। सदगुरु का आशिर्वाद उसको मिलता है जिस पर शिव की कृपा होती है, शिव की कृपा उसको मिलती है जिस पर सदगुरु की कृपा होती है और सदगुरु की कृपा जब हो जाती है तो साक्षात उस पर प्रभु राम की कृपा हो जाती है। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्याम लाल बंसल, उपाध्यक्ष ख्यालीराम सैनी, कोषाध्यक्ष जगदीश सैनी, महामंत्री मनोज दीवान, जगन दीवान, रमेश जिंदल, कोटपुतली जनसेवक मुकेश गोयल, रमेश फूलवाला, सियाराम शर्मा, जितेन्द्र जोशी, भीम सैनी, राजू सैनी, सुभाष नारनोली, छाजूराम सैनी, महेश बंसल, बाबूलाल सैनी, हीरालाल सैनी, प्रदीप अग्रवाल, मनोज सोनी, सुनील कुमावत, महेंद्र सैनी, श्रीराम सैनी, अमित यादव, गिरिराज नायक समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालू मौजूद रहे।