सामाजिक एकता सहयोग और सौहार्द का प्रतीक दशहरा पर्व मनाया
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) कमलेश जैन
दशहरा या विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में आज मंगलवार को मनाया गया। हिंदू धर्म में दशहरा के पर्व का विशेष महत्व है। दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर युद्ध में जीत हासिल की थी। इस पर्व को असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में भी मनाया जाता है। आज ही के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। रावण दहन के साथ-साथ इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया गया। दशहरा या विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारी माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, कुआं पूजन और भूमि पूजन आदि कार्य कस्बे सहित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए।
शस्त्र का प्रयोग करने वाले लोगो द्वारा आज शस्त्र पूजन भी किया गया। बहुत से लोगों द्वारा पुस्तकों और वाहनों की भी पूजा की। नए काम को शुरू करने के लिए दुकान आदि का मुहूर्त भी किया गया ।यह दिन सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। बच्चों द्वारा कॉलोनी एवं मोहल्ले में रावण का पुतला भी जलाया । दशहरे का त्योहार सामाजिक एकता, सहयोग और सौहार्द का प्रतीक पूर्ण श्रद्धा एवं भाव से मनाया।