प्रभु के नाम और स्वरुप में शक्ति होने पर भक्ति सिद्ध होती है:- कमलदास बापू
सकट (अलवर/ राजेंद्र मीना) सकट कस्बा स्थित श्री बांके बिहारी जी महाराज मन्दिर में महंत देवा दास महाराज के सानिध्य में चल रही नवदिवसीय संगीतमयी श्री शिव महापुराण कथा के छठ वें दिन मंगलवार को चित्रकूट धाम शिवरामपुर उत्तर प्रदेश के कथा वाचक संत कमल दास बापू ने कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए शिव पार्वती विवाह की कथा का वर्णन बड़ा ही सुन्दर सुनाया गया जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उन्होंने ने कहा कि शिव पार्वती विवाह के वैसे तो अनेक कारण बताये गये हैं लेकिन शिव पार्वती विवाह का प्रमुख कारण है शिव पुत्र द्वारा महाबली ताडका सुर दैत्य का वध करना बताया गया उन्होंने ने कहा कि प्रभु के नाम और स्वरुप में शक्ति होने पर भक्ति सिद्ध होती है। कथा शुरू होने से पहले कथा के मुख्य यजमान श्याम लाल चौधरी ने शिवमहा पुराण ग्रंथ व शिव जी का विधिवत पूजन किया। कथा का समापन 3 नवंबर को पूर्णाहुति के साथ होगा।