भाजपा-कांग्रेस का अब रूठों को मनाने पर फोकस: इन सीटों पर बिगड़ सकते हैं समीकरण
अलवर (रीतिक शर्मा) राजस्थान विधानसभा टिकट को लेकर काफी दिनों से चल रही ऊहापोह रविवार को पूरी होने के साथ ही सोमवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई। राज्य के 200 विधानसभा सीटों के लिए 2658 उम्मीदवारों ने दावेदारी पेश कर दी है। करीब 30 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के विधायक,पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता बागी होकर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। हालांकि अभी दलों की मान-मनुहार का दौर चलेगा और 09 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। यदि बागी नेताओं ने नाम वापस नहीं लिए तो करीब 30 सीटों पर ये अपने ही दल के नेताओं के चुनावी समीकरण बिगाड़ेंगे। भाजपा-कांग्रेस के प्रदेश व केन्द्रीय नेता बागियों को मनाने को लेकर सोमवार को रात तक जुटे रहे। बताया जा रहा है कि कुछ सीटों पर नामांकन दाखिल करने से रोकने में भी सफलता मिली। लेकिन अभी बागियों की संख्या काफी है। ऐसे में वरिष्ठ नेता बागियों को पार्टी में पद देने सहित अन्य ऑफर दे रहे हैं। राज्य की 13 सीटों पर शनिवार तक बागी सामने आ गए थे। करीब 17 सीटों पर सोमवार को और नामांकन भरे गए।
कांग्रेस- इनसे पार्टी को हो सकती हैं मुश्किलें
शाहपुरा- निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल फिर मैदान में है। बेनीवाल पिछले चुनाव में भी कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर जीते थे। इस बार भी टिकट नहीं मिला। पिछली बार 3855 वोट से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया था। कांग्रेस से मनीष यादव और भाजपा ने उम्मीदवार उपेन यादव हैं।
गंगानगर- नगर परिषद में कांग्रेस की सभापति करूणा चांडक बागी होकर चुनाव मैदान में है, जिससे यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले में है। कांग्रेस ने अंकुर मिगलानी और भाजपा ने जयदीप बिहाणी को टिकट दिया है। अभी यहां निर्दलीय राजकुमार गौड़ विधायक हैं। इनके जीत का मार्जिन 9180 रहा।
संगरिया- कांग्रेस से पूर्व विधायक डॉ. परमनवदीप एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष गुलाब सींवर बागी होकर मैदान में हैं। कांग्रेस प्रत्याशी अभिमन्यु पूनिया,भाजपा के गुरदीपसिंह शाहपीनी है। शाहपीनी ने पिछला चुनाव 6538 वोट मार्जिन से जीता था।
शिव- यहां से जिलाध्यक्ष फतेहखां और जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्रसिंह निर्दलीय मैदान में हैं। भाजपा उम्मीदवार ने स्वरूपसिंह खारा और कांग्रेस ने अमीनखां को उम्मीदवार बनाया है। पिछला चुनाव अमीन खां 23554 वोट मार्जिन से जीता।
सिवाना- कांग्रेस के जोनल इंचार्ज सुनिल परिहार ने ताल ठोकी है। वे अभी रीको निदेशक भी हैं। कांग्रेस ने मानवेन्द्र सिंह और भाजपा ने हम्मीर सिंह भायल प्रत्याशी हैं। पिछले चुनाव में हम्मीर सिंह भायल के जीत का मार्जिन 957 रहा था।
भाजपा- ये बिगाड़ रहे समीकरण:
शाहपुरा (भीलवाड़ा)- भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल के निर्दलीय उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। मेघवाल ने पिछले चुनाव में 74542 वोट से जीत दर्ज की थी। भाजपा ने लालाराम बैरवा और कांग्रेस ने नरेन्द्र कुमार रेगर को टिकट दिया है।
चित्तौडगढ़- भाजपा विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने बागी होकर ताल ठोक दी है। आक्या यहां से दो बार से जीत रहे थे। पिछले चुनाव में 23894 वोट से जीत मिली थी। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर नरपत सिंह राजवी को प्रत्याशी को बनाया है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत हैं।
मावली- भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर कुलदीप सिंह चुंडावत ने आरएलपी से मैदान में हैं। पिछले चुनाव में भी पार्टी ने समझाइश की थी और चुंडावत बैठ गए थे। यहां भाजपा से कृष्ण गोपाल पालीवाल और पुष्कर लाल डांगी कांग्रेस उम्मीदवार हैं। अभी यह सीट भाजपा के पास हैं।
अनूपगढ़- भाजपा से बागी शिमला बावरी ने नामांकन भरा है। यहां से भाजपा उम्मीदवार संतोष बावरी और कांग्रेस से शिमला नायक है। अभी संतोष बावरी विधायक हैं, जिन्होंने 21800 मार्जिन से जीत दर्ज की थी।
सिविल लाइन्स- भाजपा के प्रदेश ओबीसी मोर्चा के उपाध्यक्ष दिनेश सैनी बागी हो गए हैं। वे पिछली बार भी टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने यहां गोपाल शर्मा और कांग्रेस ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट दिया है। खाचरियावास ने पिछला चुनाव 18078 वोट के मार्जिन से जीता था।. झोटवाड़ा- पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने निर्दलीय नामांकन भर दिया है। इनके अलावा आशुसिंह सुरपुरा भी निर्दलीय मैदान में है। भाजपा से राज्यवर्धन सिंह और कांग्रेस से अभिषेक चौधरी प्रत्याशी हैं। पिछले चुनाव में लालचंद कटारिया ने 10747 वोट से जीत दर्ज की थी।
खंडेला- भाजपा से बंशीधर बाजिया (पूर्व राज्यमंत्री) बंशीधर बाजिया ने ताल ठोकी है। पिछली बार बाजिया ने भाजपा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर सुभाष मील भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस उम्मीदवार महादेव सिंह खंडेला हैं। खंडेला 4348 वोट जीते थे।
फतेहपुर- भाजपा से पूर्व पालिका अध्यक्ष मधूसूदन भिण्डा भाजपा से बगावत कर मैदान में है, जबकि पूर्व विधायक व लक्ष्मणगढ़ से भाजपा प्रत्याशी सुभाष महरिया के छोटे भाई नंदकिशोर महरिया जेजेपी से मैदान में है। कांग्रेस ने हाकिम अली और भाजपा ने श्रवण चौधरी को टिकट दिया है। पिछली बार हाकिम अली ने 860 वोट से जीत दर्ज की थी।
यहां भी बागी बिगाड़ रहे गणित - डीडवाना, रामगढ़(अलवर) झुंझुनूं, सांचौर, अजमेर दक्षिण, जालौर, मनोहरथाना, जैतारण, डीग, केकड़ी, पुष्कर, बांसवाड़ा, लाडपुरा, राजगढ़-लक्ष्मणगढ सीट, थानागाजी सीट पर भी बागियों ने ताल ठोकी है।