25 नवम्बर के लिए उम्मीदवारों के पक्ष विपक्ष में जम रही गोटिया
चुनावी शतरंज की बिसात, राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 कांमा विधानसभा विशेष
इस बार चुनाव कुछ अलग हटकर
जुरहरा (डीग/राजस्थान/ रतन वशिष्ठ) कांमा विधानसभा का चुनाव इस बारअभी कुछ अलग हटकर ही लग रहा है। कांग्रेस उम्मीदवार जाहिदा खान जो विधायक के साथ साथ राज्य मंत्री भी बनी, इस बार विरोध के चलते नामांकन के आखिरी क्षणों में उनके पक्ष में टिकट की घोषणा पार्टी द्वारा की गई, चुनावी मैदान में विरोध के स्वर लगातार पीछा कर रहे है, लेकिन उनकी स्थिती चुनावी मैदान में इतनी भी कमतर नही आंकी जानी चाहिए जितनी कि समझी जा रही है।
इसी विरोध के चलते कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे मुख्यत्यार अहमद को कांग्रेस के विरोधी खेमे ने समर्थन देकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। युवा वर्ग विशेष रूप से इसके साथ देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में चुनाव प्रचार के तरीके से मौलाना सकते में नजर आ रहे है।
अब बात करे भाजपा की तो गत चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कांग्रेसी उम्मीदवार से 40 हजार वोटो से पराजित हुआ था। इस बार भाजपा से टिकट की मांग करने वालो की एक लम्बी लिस्ट थी लेकिन सभी को नकार भाजपा ने पडोसी राज्य की भाजपा नेत्री नौक्षम चौधरी पर विश्वास जताते हुए मैदान में उतार दिया, जिससे स्थानीय उम्मीदवार के रूप में दावेदारी जता रहे भाजपा के नाराज दिखे लेकिन अब क्या।
भाजपा उम्मीदवार की स्थिति अपने खेमें में यथावत, निर्णायक स्थिति
कार्यकर्ताओं की मेहनत पर बिछी हुई है चुनावी बिसात।
खेमे सज रहे है, बिगुल बज चुका है और अभी समय है, कोई इधर तो कोई उधर अवसर की तलाश में लगा हुआ है।
चुनावी रणनीति के असली दावपेच चलने अभी बाकी है, जानकार कांमा विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय मान रहे है जबकि ऐसा होता लग नही रहा।
हालांकि इस सीट पर भाजपा के मदनमोहन सिंघल निर्दलीय उम्मीदवार की रूप में एक बार जीत का सेहरा पहन चुके है।
इस बार बात कांग्रेसी खेमे की है दूसरे चेहरा नया है। उम्मीदवार ने राजनीति में खुद को कोरा कागज बताया है। लेकिन युवाओ का जुनून उसे लेकर आसमान में उडान भर रहा है। जबकि कांग्रेसी उम्मीदवार धीरे धीरे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
बसपा उम्मीदवार शकील खान भी मतदाताओं के बीच अपनी पहचान बना चुके है।
मतदाता धर्म संकट में है।