भाई बहिन के प्यार का प्रतीक है भाई दूज का त्यौहार
गुरला (भीलवाड़ा/बद्रीलाल ममाली) साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। 5 दिनों तक चलने वाला दीपावली का त्योहार धनतेरस के साथ प्रारंभ होता है जो भाई दूज के पर खत्म हो जाता है। भाई -बहन के प्यार का प्रतीक इस त्योहार पर भाई ,बहन के पास टीका करवाने जाते हैं।
भाई को रक्षासूत्र बांधकर मुँह बठा करतीं हैं: बहिन
भाई दूज का त्योहार रक्षाबंधन की तरह बड़ा महत्व रखता है। यह त्योहार भाई और बहनों के अनोखे रिश्ते को मजबूत करता है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी कलाई पर मौली बांधती हैं और फिर नारियल का गोला देती हैं। साथ ही बहन भाई के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और समृद्धि की कामना भी करती है। भाई भी अपनी बहन को हर बुराई से बचाने का वादा करते हैं। इस त्योहार को देश भर में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है।