राजगढ़ कस्बे में तोड़फोड़ व तहला जमीन अलॉटमेंट कांड की एसीबी को राज्य सरकार दे स्वीकृत
कांग्रेस राज में संरक्षण प्राप्त भ्रष्ट विधायक व अधिकारियों को मिल सके सजा:- देशबन्धु जोशी,,,, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम प्रेषित किया ज्ञापन
अलवर (रितीक शर्मा) राजगढ़ उपखंड अधिकारी राजगढ़ के निजी सहायक यशवंत सैनी को दिया देशबंधु जोशी ने ज्ञापन। मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम ज्ञापन, राजगढ़ कस्बे में तानाशाही मनमानी राजनीतिक प्रशासनिक जातिगत संरक्षण व राजनीतिक द्वेषता के चलते अनेकों वैधानिक आवास व्यवसाइक पक्के निर्माणों को किया तोड़फोड़ लोगों को अभी तक नहीं मिली राहत। इधर दीनबंधु व देशबंधु जोशी वैधानिक मकान तोड़फोड़ वाले प्रकरण में मकान तोड़ने को लेकर न्यायालय ने गत महीने निर्णय में किया अधिकारियों को दोषी साबित ₹200000 का अर्थ दंड छह माह में वसूलने का आदेश। जोशी ने ज्ञापन में लिखा कि एसीबी में तत्कालीन उपखंड अधिकारी केशव कुमार मीणा विधायक थानागाजी कांति मीणा राजगढ़ तत्कालीन विधायक जोहरी लाल मीणा तथा इस प्रकरण में संलिप्त अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध जोशी द्वारा 25 मई 2022 को शिकायत पत्र भेजे गए जिसके लिए भ्रष्टाचार निरोधक विभाग जयपुर से प्राप्त प्रति उत्तर अनुसार विभाग द्वारा परिवाद दर्ज संख्या हा 1966 ऑब्लिक 2022 दिनांक 21 जून 2022 मुख्य सचिव राजस्थान सरकार को लेकिन अभी तक नहीं दी राजस्थान सरकार ने स्वीकृति राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री की विधायकों से साठ घाट या मिली भगत के राजनीतिक मजबूरी के चलते रहे प्रकरण बाकी नहीं कर सकी भ्रष्टाचार निर्दोष विभाग कार्रवाई पृष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जोशी ने ज्ञापन में लिखा कि अब राजस्थान में भाजपा की नई सरकार गठन होने के बाद उम्मीद जगी है कि राज्य सरकार मुख्य सचिव लम्बित प्रकरण की मुख्य सचिव राजस्थान सरकार से एसीबी को कार्यवाही के लिए
स्वीकृति प्रदान की जावे तथा एसओजी द्वारा की गई जमीन अलॉटमेन्ट घोटाले की जाँच
रिपोर्ट पर कार्यवाही कर इस मामले में संल्पित विधायक कांतिलाल मीणा व जोहरी लाल मीणा नेता अधिकारी तथा कर्मचारियों की भ्रष्टाचार में संल्पित भूमिका व इनके द्वारा अर्जित की गई अघोषित सम्पत्ति की जाँच करवाई जावे ताकि भ्रष्ट नेता व अधिकारियों को सबक मिल सकें और जनता को राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गठित भाजपा की राजस्थान सरकार में अधिकारी, कर्मचारी इस तरह भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को नेताओं द्वारा संरक्षण प्राप्त करने पर अंकुश लग सकें। उम्मीद है कि आप तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय भ्रष्ट अधिकारी व नेताओं के खिलाफ रोकी गई एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक विभाग) की कार्यवाही निष्पक्ष, निर्भिक रूप से एसीबी विभाग द्वारा की जा सकें और अधिकारी व नेताओं को व भ्रष्टाचारी व राजनीतिक संरक्षण को लेकर सबक मिल सकें।