श्वसन रोग व कोविड के सम्बन्ध में एडवाइजरी जारी
भरतपुर, 26 दिसम्बर। अतिरिक्त जिला कलक्टर रतन कुमार स्वामी ने निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान द्वारा श्वसन रोग व कोविड की जारी एडवाइजरी के सम्बंध में जिला स्तरीय अधिकारियों को पालना सुनिश्चित करने हेतु निर्देश जारी किये हैं।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बताया कि सर्दी के मौसम में खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब आदि लक्षण के रोगियों में वृद्धि पायी जाती है साथ ही वर्तमान में देश के केरल, कर्नाटक, तमिलनाडू, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में कोविड का नया सब वेरियंट जेएन-1 पाया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य में जैसलमेर में 2 तथा जयपुर में 2 जिनमें एक भरतपुर जिले के मूल निवासी हैं, संक्रमित पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के राय अनुसार प्रथम दृष्टया यह वेरिएंट अपेक्षाकृत माइल्ड इंफेक्शन वाला प्रतीत होता है। जिसको दृष्टिगत रखते हुए निदेशक (जन स्वास्थ्य) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजस्थान जयपुर द्वारा एडवाइजरी जारी की गयी है।
श्वसन रोग व कोविड के सम्बंध में एडवाइजरी
हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के रोगी चिकित्सकीय सलाह समय पर लेते हैं तो रोग के नियंत्रण पर प्रभावी व तत्काल काबू पाया जा सकता है। चिकित्सक के परीक्षण उपरान्त आईएलआई रोगियों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में होम आईसोलेशन एवं उक्त लक्षणों के गम्भीर व लम्बी अवधि होने की स्थिति में, एसएआरआई के संक्रमण पर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।
बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं एवं कोमोर्बीडीटी वाले व्यक्तियों तथा डायबीटीज, कैंसर, हृदय रोग व अन्य गम्भीर बीमारियों के रोगियों को सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में सतर्क रहने व विशेष ध्यान रखते हुए तुरन्त चिकित्सक के अनुसार उपचार, कोविड टैस्ट करवाये जाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उनमें रोग के गम्भीर होने की ज्यादा सम्भावना रहती है।
आईएलआई व एसएआरआई के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सकीय सलाह अनुसार कोविड-19 की जांच व उपचार समय रहते किया जाना चाहिये। आईएलआई के रोगियों जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब की तकलीफ है उन्हें दूसरे लोगों से दूरी बनानी चाहिये और मास्क का उपयोग करना चाहिये एवं हाथों को आवश्यकतानुसार साबुन से 20 सैकण्ड तक धोना या सैनेटाईजर का उपयोग करना चाहिये। आने वाले त्यौहार व नववर्ष पर कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पालना की जानी चाहिये। आमजन में कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर प्रणाली का उपयोग संक्रमण से बचाव हेतु उपयुक्त प्रक्रिया है।
---00---