रक्तदान शिविर में ऐतिहासिक 422 यूनिट रक्तदान हुआ एकत्रित
रक्तदान महादान है-स्वामी गोविंदगिरी महाराज
रक्तदान के फायदे ही फायदे है- पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह
खैरथल ,राजस्थान
स्वामी ध्यानगिरी महाराज जी की 32वी बर्सी उत्सव के तहत 7 जनवरी रविवार को सुबह 9 बजे से साय 4 बजे तक आनंद नगर कॉलोनी स्थित गुरु मंगलगिरी सन्यास आश्रम शिवालय में स्वामी गोविन्दगीरी महाराज के सानिध्य में पांचवा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में ऐतिहासिक 422 यूनिट रक्तदान हुआ। रविवार को सुबह 9 बजे भगवान झूलेलाल, भगवान दत्तात्रेय,स्वामी मंगलगिरी महाराज,स्वामी ध्यानगिरी महाराज, स्वामी सहजगिरी महाराज,स्वामी गोपालगिरी महाराज,स्वामी लीलाशाह महाराज सहित सभी संत महात्माओं की प्रतिमा के समक्ष स्वामी गोविन्दगीरी महाराज,खैरथल तिजारा जिला पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह,भाजपा नेता डॉ दिनेश यादव,भिवाड़ी चैंबर्स कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज चैयरमेन रामनारायण चौधरी,कांग्रेस प्रदेश सचिव बलराम यादव, समाजसेवी लालचंद रोघा,पूज्य सिंधी पंचायत अलवर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश रोघा, मुखी अशोक महलवानी मुखी वासदेव दासवानी,पार्षद जाजन मुलानी,विजय बच्चानी, सेवक लालवानी, धर्मदास गनवानी ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान स्वामी गोविन्दगीरी महाराज ने कहा कि रक्तदान महादान है आपके द्वारा किए गए रक्तदान से 3 लोगों को जीवन मिलता है। रक्तदान करने से मोटापा घटता है, हार्ट अटेक का खतरा कम हों जाता है तथा 18 वर्ष से अधिक का कोई भी महिला और पुरुष रक्तदान कर सकता है। खैरथल तिजारा जिला पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने सभी को रक्तदान के फायदे ही फायदे है कोई भी किसी भी तरह का नुकसान नहीं है।पूज्य सिन्धी पंचायत अलवर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश रोघा ने बताया की रक्तदान शिविर में युवाओं व महिलाओं ने रक्तदान के प्रति उत्साह दिखाया। भारतीय सिन्धु सभा खैरथल के कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक जयपुर, अलवर ब्लड बैंक अलवर, जीवनधारा ब्लड बैंक अलवर व श्री राजीव गांधी अस्पताल अलवर के सहयोग से रक्तदान करने के लिए 469 रक्तदानीयों ने रजिस्ट्रेशन करवाया लेकिन कुछ कारणों से कई रक्तदान नहीं कर पाए और उन्हें निराश होकर घर जाना पड़ा। शिविर के दौरान सभी रक्तदाताओं, डॉक्टरो, भारतीय सिंधु सभा के कार्यकर्ताओं,पत्रकारों, सेवादारो को स्वामी गोविन्दगीरी महाराज द्वारा स्मृति चिन्ह एवं प्रसाद देकर सम्मानित किया गया।
- हीरालाल भूरानी