जज के फर्जी साइन कर की ठगी, एक गिरफ्तार:आरोपी बोला; कोर्ट लिपिक ने दिया था 25% रुपए देने का लालच, झांसे में आ गया
पाली,राजस्थान
पाली के बाली थाना इलाके के MAC लीगल क्लर्क ने कोर्ट के साथ ही ठगी कर डाली। उसने जज के फर्जी साइन कर साढ़े 28 लाख का चेक अपने साथी के खाते जमा करवा दिया। जब SBI बैंक से कोर्ट के जज के पास ट्रांजेक्शन का मेल आया तो कोर्ट में हड़कंप मच गया। इसके बाद जज के निर्देश पर अपर सेशन कोर्ट बाली के सीनियर रीडर ने क्लर्क और उसके साथी के खिलाफ केस दर्ज करवाया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साथी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में साथी ने खोला राज
बाली SHO विक्रम सिंह सांदू ने बताया कि पाली जिले के अपर सेशन न्यायालय बाली के सीनियर रीडर भंवरलाल बाली थाने में 9 जनवरी को मांगीलाल मांगीलाल (32) पुत्र भूराराम प्रजापत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। मामले में बाली पोस्ट ऑफिस के पास में रहने वाले मांगीलाल गिरफ्तार किया। पूछताछ में मांगीलाल ने बताया कि उसे यह रुपए ADG कोर्ट बाली के लिपिक ग्रेड प्रथम निर्मल चंद वर्मा पुत्र श्रवणलाल आमेर जयपुर ने जमा कराने को दिए थे। इसके बाद मंजिला को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है।
25% देने की हुई थी डील
अब तक की पूछताछ में मांगीलाल ने बताया- निर्मल से उसकी पिछले करीब 5 साल से ज्यादा समय से पहचान है। निर्मल उनकी बहन के मकान में किराएदार हैं। ऐसे में उससे अच्छी दोस्ती है। मांगीलाल ने बताया कि बाली में उसकी साड़ियों की शॉप है जहां मांगीलाल अक्सर आता-जाता रहता था।
7 जनवरी को निर्मल उसके पास एक चेक लेकर आया था और कहा- यह रुपए तुम्हारे खाते में जमा करवा दो। कुछ नहीं होगा। जो रकम है। उसमें से 75 प्रतिशत वह रखेगा और 25 प्रतिशत उसे दे देगा। ऐसे ही उसेब उसके झांसे में आ गया और अपने एकाउंट में यह रकम 8 जनवरी को जमा करवा दी।
SBI से मेल आया तो खुला भेद
पाली जिले के अपर सेशन न्यायालय बाली के सीनियर रीडर भंवरलाल बाली थाने में 9 जनवरी को बाली निवासी 32 साल के मांगीलाल पुत्र भूराराम प्रजापत और ADG कोर्ट बाली क लिपिक ग्रेड प्रथम निर्मल चंद वर्मा पुत्र श्रवण लाल वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जिसमें बताया था कि 9 जनवरी की सुबह एमएसी विधिक लिपिक रामकेश ने अपर सेशन न्यायाधीश बाली डॉ सिम्पल शर्मा को बताया कि SBI बैंक से एक मेल आया हुआ है।
मोटर क्लेम की राशि ठगी
जिसमें साढ़े 28 लाख रुपए का भुगतान चेक के जरिए मांगीलाल के खाते में होना बताया गया है। बैंक में पता किया तो सामने आया कि न्यायाधीश मोटरयान दुर्घटना दावा प्राधिकरण (मोटर क्लेम) बाली की सील और हस्ताक्षर से यह चेक जारी हुआ। जबकि न्यायाधीश ने इस तरह का कोई चैक जारी नहीं किया गया। न्यायाधीश के फर्जी साइन कर चैक जारी करने का मामला सामने आते ही न्यायाधीश के आदेश पर कोर्ट के रीडर ने मांगीलाल नाम के व्यक्ति का एकाउंट बैंक मैनेजर से फ्रीज करवाया।