भरतपुर जिले को एनसीआर से बाहर निकालने की मांग
लोग बोले एनसीआर और टीटीजैड के कारण रुका विकास, बड़ी बेरोजगारी
भरतपुर जिले के कई संगठनों के पदाधिकारियों ने भरतपुर को एनसीआर और टीटीजैड से हटाने के लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया ।लोगों का कहना है कि एनसीआर और टीटीजैड के नियम जबरन जनता पर थोपे गए हैं। क्योंकि भरतपुर की जनता को एनसीआर और टीटीजैड का लाभ नहीं मिला। इसकी वजह से भरतपुर का विकास रुक गया। जिले में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। भरतपुर जिला बचाओ एनसीआर और टीटीजैड हटाओ अभियान के संयोजक सुरेंद्र कसाना ने बताया कि एनसीआर और टीटीजैड के कारण जिले में पारंम्परिक उद्योग जैसे ईट भट्टा उद्योग, चूना भट्टा उद्योग , क्रेशर उद्योग बंद हो गए। इसके कारण लाखों परिवार बेरोजगार हो गए।अब बचे हुए उद्योग धंधों को नियमों का सहारा लेकर बंद करने की साजिश रची जा रही है। नियमों के कारण ही भरतपुर में नए उद्योग धंधे स्थापित नहीं हो सके। एनसीआर और टीटीजैड के नियमों के चलते जिले भर में 10 साल से ज्यादा पुराने मोटर वाहनों को बंद कर दिया गया ।जबकि किसान ट्रैक्टर से खेती-बाड़ी का काम करता है ।अब वह 10 साल के बाद नया ट्रैक्टर कहां से लाएगा। एनसीआर और टीटीजैड के नियमों के कारण लाखों वाहन कबाड़ हो चुके हैं।अगर आमजन समय रहते नहीं चेते तो जिले में बेरोजगारी और भी बढ़ जाएगी। जब जम्मू कश्मीर से राष्ट्रीय हित में धारा 370 हट सकती है तो भरतपुर जिले के ऊपर थोपे गए एनसीआर और टीटीजैड के नियमों को हटाया जा सकता है।