10 वर्षों से कार्यरत ऑडिर्ट्स को हटाया, अब संस्था से करवा रहे सोशल ऑडिट, हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं लगाया
पाली (बरकत खां)
पाली जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा के कार्यों का प्रत्येक छः माह के कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण किया जाता है, इसके लिए एक ब्लॉक संशाधन तथा पांच ग्राम संशाधन कार्य करते है। इसको लेकर सामाजिक लेखा परीक्षा, जब जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोचामटी जयपुर अंकेक्षण व सन्दर्भ व्यक्तियों का निर्धारण करती है। मनरेगा कार्यो की सोशल ऑडिर में करीब जिले से करीब दस पंचायत समितियों में से करीब 200 से अधिक ब्लॉक संसाधन व्यक्ति व ग्राम संसाधन व्यक्ति करीब दस साल से कार्यरत थे। लेकिन डेढ साल पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस राज्य सरकार ने उन्हें हटाकर सामाजिक अंकेक्षण का कार्य किसी NGO को दे दिया है। ऐसे में दस साल से कार्य कर रहे लोगों का रोजगार छीना गया। ऐसे ब्लॉक व ग्राम संसाधन व्यक्ति पूरे प्रदेश में करीब 32000 से अधिक है। इन्हें हटाने के बाद सचिवालय से लेकर जिला परिषद स्तर तक कई बार ज्ञापन देकर दुबारा लगाने की मांग की और पूराना भुगतान दिलाने की मांग की गई, लेकिन आज तक न तो दोबारा उन्हें लगाया गया और न ही उन्हें भुगतान किया गया। NGO द्वारा जिन लोगो की इस कार्य के लिए रखा गया है वो इस ब्लॉक संसाधन की योग्यता भी पुरी नहीं करते जबकि इस पद के लिए निर्धारित योग्यता स्नातक एवं RS-CIT है, जबकि पूर्ववर्ती राज्य सरकार व शासन सचिवालय द्वारा 12वीं पास व्यक्ति जिन्हें इस कार्य का बिल्कुल अनुभव नहीं है उन्हें लगाया गया। इन लोगों के लिए सरकार व विभाग के द्वारा न तो अखबार में विज्ञप्ति दी गई न ही किसी प्रकार की आवेदन प्रक्रिया अपनाई गई। पिछले दस वर्षों से कार्यरत ब्लॉक संसाधनों द्वारा सम्पूर्ण योग्यता रखते हुए भी उन्हें निकाल दिया गया। जबकि विभाग के द्वारा हटाने के आदेश पर पुराने ब्लॉक संशाधनों द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में रीट दायर कि गई जिसमें हाईकोर्ट जयपुर द्वारा पुराने ब्लॉक संसाधनों को हटाने के आदेश पर रोक लगाते हुए पुराने ब्लॉक संशाधनों को पुन: लगाने का आदेश दिया. परन्तु एनजीओ विशेष लोगों की मेहरबानी से लेखा अधिकारी पर रहने से निदेशक महोदय ने उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं करके उल्लंघन किया। साथ ही मुख्य सचिव कार्यालय एवं उच्च न्यायालय को एक आदेश जारी कर गुमराह किया जा रहा है। विभाग के द्वारा अक्टूबर 2022 - में ब्लॉक संशाधन पद पर भर्ती विज्ञाप्ति जाही की जिसमें पूर्व कार्यरत ब्लॉक संशाधन व्यक्तियों ने जिला परिषद के माध्यम से आवेदन किये। माननीय उच्च न्यायालय जयपुर से पुराने ब्लॉक संसाधन व्यक्तियों को भर्ती प्रक्रिया में अनुभव का लाभ देते हुए नियुक्ति देने का आदेश दिया था परन्तु विभाग की मेहरबानी NGO पर ही बनी हुई है। वर्तमान भाजपा सरकार से हमे एक पूर्ण विश्वास है कि हम पूर्व कार्यरत व्यक्तियों को लाभ मिलेगा।
कहिन
सुमेरपुर क्षेत्र में दस साल से कार्य कर रहे थे. हमारे सभी बीआरपी के प्रमाण पत्र भी मौजूद है बिना किसी कारण हम सभी बीआरपी को हटा दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद हमें पुन: नहीं लगाया गया है। हमारे साथ अन्याय हुआ है।
महिपाल सिंह, (बीआरपी)पूर्व सोशल ऑडिटर ! - सुमेरपुर
हमें बिना किसी कारण के हटाकर किसी अन्य संस्था को ऑडिट का कार्य देकर हमारे साथ अन्याय किया न हो सुनवाई हो रही है और न ही हो पुनः लगाया जा रहा है।
दीपाराम चौधरी, पूर्व सोशल (बीआरपी)ऑडिटर :- मारवाड़ जंक्शन
अधिकतर ब्लॉक व ग्राम संसाधन का भुगतान भी 2से 3 वर्षों का बकाया है
सूचना व रोजगार अधिकार अभियान के व्यक्तियों को दिनांक 6अगस्त 2022 को हटाने के आदेश के बाद भी आज तक कार्यरत हैं
अभ्यर्थी लगातार ब्लॉक संसाधन व्यक्ति व जिला संसाधन व्यक्तियों के चयन में हो रहे घोटाले की जांच की भी मांग कर रहे है।इसकी लिखित में शिकायत एसओजी को भी पूर्व में की जा चुकी है मदन लाल, कपूराराम मीणा, ब्लॉक सुमेरपुर ,लक्ष्मण लाल रानी ब्लॉक पूर्व सोशल ऑडिटर(बीआरपी)