नगरपरिषद की लापरवाही के कारण शहरवासी गंदगी से त्रस्त : 200 सफाई कर्मी, हर माह 30 लाख रुपए खर्च, फिर भी गंदगी के ढेर,
रविवार को नहीं होती है सफाई
खैरथल (हीरालाल भूरानी) खैरथल नगरपरिषद में 35 वार्डों की सफाई का जिम्मा 200 सफाई कर्मियों के हाथ में है। इनपर लग बसभग 30 लाख रुपए महीना खर्चा किया जाता है, लेकिन फिर भी शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं।खास बात यह है कि रविवार को पूरे शहर में कहीं भी सफाई नहीं होती। सभी कर्मचारी एक साथ छुट्टी पर रहते हैं।जिसकी वजह से रविवार को शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लग जाते हैं। मुख्य मार्गों पर भी कचरा इधर उधर फैलता रहता है। कालोनी में कचरे के ढेर की वजह से वहां के निवासी परेशान रहते हैं। लेकिन नगरपरिषद इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
नगरपरिषद में सफाई व्यवस्था चार जोन में बंटी है। जिसमें वार्ड नंबर 1 से 10 नंबर तक सरकारी कर्मचारी सफाई करते हैं। जिसमें 50 कर्मचारियों को जिम्मा दिया हुआ है लेकिन सफाई के लिए मात्र 35 कर्मचारी काम करते हैं, बाकी 15 कर्मचारी आफिस में लगाए हुए हैं। दूसरे जोन में वार्ड नंबर 11 से 18 तक वार्ड में 55 सफाई कर्मचारी लगाए हुए हैं।तीसरे जोन में वार्ड नंबर 19 से 27 तक 55 कर्मचारी लगाए हुए हैं। इसके अलावा वार्ड नंबर 28 से 35 तक 55 कर्मचारी सफाई पर लगे हैं। सफाई ठेके पर प्रति महीना 16 लाख 50 हजार रुपए खर्च किए जाते हैं। जबकि सरकारी सफाई कर्मचारियों की औसत वेतन 30 के हिसाब से लगाएं तो लगभग 15 लाख रुपए बनते हैं। इस हिसाब से 30 लाख से भी अधिक प्रति माह खर्च किए जाते हैं।
इनका कहना है- इस संबंध में नगरपरिषद आयुक्त श्याम बिहारी गोयल ने बताया कि रविवार को सफाई कर्मचारी अवकाश पर रहते हैं।यह व्यवस्था काफी समय से चली आ रही है। इसलिए इस व्यवस्था को बदलेंगे। रविवार को सफाई करने का प्लान तैयार किया जाएगा।