उच्च शिक्षा में तकनीकी उन्नति, इंक्यूबेशन सेन्टर में सिखाई जा रही बारीकियां और अत्याधुनिक रोबोटिक्स का ज्ञान

बच्चों को तकनीकी जगत में ले जाने का प्रयास आई स्टार्ट की टिंकरिंग लैब में हो रही है बाल वैज्ञानिकों की तैयारी

Feb 1, 2024 - 19:56
Feb 1, 2024 - 20:16
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उच्च शिक्षा में तकनीकी उन्नति, इंक्यूबेशन  सेन्टर में सिखाई जा रही बारीकियां और अत्याधुनिक रोबोटिक्स का ज्ञान

भरतपुर, - आई स्टार्ट नेस्ट इंक्यूबेशन सेंटर राजकीय अभियात्रिकी महाविद्यालय भरतपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नवीन तकनीकी से जुड़ने का विद्यार्थियों को मौका मिल रहा है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त टिंकरिंग लैब में स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी रोबोटिक्स, ड्रोन, ह्यूमनॉइड सिस्टम, उडी प्रिंटर, और ए.आई और आई.ओ.टी में पारंगत हो रहे हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के संयुक्त निदेशक पुष्पेन्द्र कुंतल ने बताया कि अनुभवी मेटर्स के मार्गदर्शन में बच्चे न सिर्फ ज्ञान हासिल कर रहे हैं, बल्कि उन्हें अपनी खुद की वेचर शुरू करने की प्रेरणा भी मिल रही है। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स में अब बच्चों पर भी फोकस किया जा रहा है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं और प्रदेश में निवेश को सुविधाजनक बनाने में सहारा मिल रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग ने आई स्टार्ट इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना करके इसमें उद्यमिता और इनोवेशन की प्रेरणा बढ़ाने के लिए स्कूल स्टार्टअप योजना को भी समाहित किया है। उन्होंने बताया कि बच्चों को रोबोटिक्स, ड्रोन, एआई और आईओटी आदि में रूचि बढ़ाने, ट्रेनिंग देने, और स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने के लिए टिंकरिंग लैब में अत्याधुनिक उपकरण और किट्स बच्चों को निशुल्क मुहैया करवाए गए है।

संयुक्त निदेशक ने बताया कि स्टार्टअप में आने वाला समय एआई और ए.आर-वी.आर तकनीकों का ही है। ऐसे में स्कूली बच्चों में स्टार्टअप में रुचि पैदा करने के लिए टिकरिंग लैब शुरू करना काफी हद तक सफल रहा है। बच्चे आईटी बेस्ड स्टार्टअप में जुड़ने में रुचि दिखा रहे हैं।

स्टेम ट्रेनर इंजीनियर स्वेतांश बंसल ने बताया कि इस प्रोग्राम के तहत कक्षा 8 से ऊपर तक के बच्चों को टिंकरिंग लैब में स्पेस और उपकरण मिलते हैं। इसमें विद्यार्थियों को डू इट योरसेल्फ किट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है। इस किट का उपयोग करके बच्चे खुद वर्किंग मॉडल बनाना सीखते है। उन्होंने बताया कि इससे बच्चों को बेसिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सेंसर, आईओटी डिवाइस, आर्डिनो उनो, और अन्य मैकेनिकल टूल्सेट की जानकारी होती है। नियमित तौर पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों को वर्कशॉप के माध्यम से टिंकरिंग लैब की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद 10 वर्ष के विद्यार्थी भी खुद के हाथों से रोबोट के वर्किंग मॉडल बना रहे हैं। आई स्टार्ट के मेंटर्स दीपेश विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में बच्चे आईटी बेस्ड स्टार्टअप से जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स को इंक्यूबेशन सेंटर में हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी और वाईफाई एक्सेस के साथ को वर्किंग स्पेस, मीटिंग रूम, कॉनॉस रूम और ट्रेनिंग रूम, की सुविधाएं निशुल्क मिल रही हैं। यही मेटरशिप और फंडिंग की सुविधा भी मिल जाती है।

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