अलवर के चर्चित हनी ट्रेप से जुड़े संगीन मामले: पुलिसकर्मी गिरफ्तार
अलवर में चल रहे चर्चित हनी ट्रैप मामले में लगातार नए मोड़ आते जा रहे हैं अब एक पर्यटन पुलिस में तैनात कांस्टेबल ने आरोपी महिला के खिलाफ 12 लाख रुपए ठगने का मामला दर्ज कराया है। पर्यटन पुलिस में तैनात सिपाही डीग के मोरोली तय हाल एनईबी निवासी रमेश चौधरी ने बताया कि आरोपी संगीता और उषा मेरे मकान में किराए पर रहती थी। वर्ष 2016 में सेना से रिटायरमेंट होकर आया और नयावास स्थित एक निजी कॉलेज में एडमिशन के लिए जब गया तो वहां मुलाकात कविता से हुई और उस वक्त मुझे इन्होंने अपने जाल में फंसा लिया । जब मुझे इस बात का पता चला कि संगीता और कविता आपस में बहन है। जब मैं संगीता से कविता के बारे में पूछा तो उन्होंने कविता के चरित्र को लेकर कई बातें कही । इसी दौरान मेरी पत्नी को मेरे किराए पर रहने वाली संगीता और उषा पर शक हुआ उन्होंने मुझे बताया के नेचर से खराब है। तो मेरी पत्नी ने इसे मकान खाली कर लिया लेकिन मकान खाली करने के दौरान भी इन्होंने काफी नाटक बाजी की और मेरे घर से आर्मी कार्ड और कैंटीन कार्ड सहित कई दस्तावेज ले लिए। जब मैं यहां पर वापस आया तो इन्होंने मेरे साथ कांस्टेबल विनोद चौधरी सहित इन महिलाओं ने लड़ाई झगड़ा करने की कोशिश की। और मेरे आई कार्ड के एड्रेस के आधार पर वह देहली आर्मी ऑफिस पहुंच गए । यह मामला अधिकारियों के सामने भी आया। अधिकारियों ने इनको समझाया । उन्होंने बताया कि मैं आर्मी हेड क्वार्टर पर इनको ₹70000 दिए और अपने कागज मांगे लेकिन उन्होंने कागज देने से इनकार कर दिया । इनका परिचित सिपाही विनोद को बोला कि तुम तो पुलिस में हो फिर भी ऐसा क्यों कर रहे हो। लेकिन वो नही माना और कहने लगा कि समझोता करना है तो डिमांड पूरी करनी पड़ेगी।फिर उसके बाद मुझे ब्लैकमेल करने लगी और ₹200000 मांगने लगी। मैंने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया। इसी दौरान मैं सेवानिवृत होकर आ गया और इन्होंने फरवरी 2017 में मेरे खिलाफ महिला थाने में बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया और क्योंकि मैं सेना से रिटायर्ड हुआ तो मेरे पास पेंशन के पैसे भी थे इन्होंने पेंशन की राशि और मकान की मांग की।धमकी देने लगी । उस दौरान मेरे भाई वगैरह ने आकर महिला थाने के एसएचओ के सामने सेटलमेंट किया। बयान वापस कविता ने बयान वापस लिए और 10 लाख रुपए में सेटलमेंट कराया। उन्होंने बताया कि जब इस महिला के बारे में अखबारों में खबर छपी तो मैंने सोचा की लोगों में जागृति आनी चाहिए । पुलिस कर्मी ही अपनी ही वर्दी पर ऐसा धब्बा लगवा रहे हैं और इसलिए मैंने एनईबी पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
- अनिल गुप्ता