राष्ट्रीय लोक अदालत का 9 मार्च को होगा आयोजन
भरतपुर, 12 फरवरी। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार वर्ष 2024 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 9 मार्च 2024 को भरतपुर न्यायक्षेत्र में किया जायेगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत प्री-लिटिगेशन सहित न्यायालयों में लंबित प्रकरणों यथा धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैंक रिकवरी मामले, श्रम विवाद, पानी व बिजली के बिल (अशमनीय के अलावा) एवं अन्य (दाण्डिक शमनीय, पारिवारिक एवं अन्य सिविल विवाद) एवं लम्बित प्रकरणों में शमनीय दाण्डिक अपराध अन्तर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैंक रिकवरी मामले, एम.ए.सी.टी. मामले, श्रम विवाद, बिजली व पानी के बिल (अशमनीय के अलावा), वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले (केवल जिला एवं उच्च न्यायालय में लम्बित), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से सम्बन्धित मामले, राजस्व मामले (केवल जिला एवं उच्च न्यायालय में लम्बित), अन्य सिविल मामले (किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि से सम्बन्धित प्रकरणों के निस्तारण हेतु आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि गत राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को देखते हुए पक्षकारों, बैंकिग सेक्टर, बीमा कंपनियों आदि सहित अधिवक्तागण में भी लोक अदालत को लेकर भारी उत्साह है, जो प्रकरणों में की जा रही प्री-काउंसलिंग में भी देखने को मिल रहा है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामें से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारान् की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। लोक अदालत में शीघ्र व सुलभ न्याय, कोई अपील नहीं, सिविल कोर्ट के आदेश की तरह पालना, कोर्ट फीस की वापसी, अंतिम रूप से निपटारा तथा समय की बचत होती है। कोई भी पक्षकार या अधिवक्ता अपने प्रकरण को सीधे ही न्यायालय अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व तालुका विधिक सेवा समिति में जाकर लोक अदालत हेतु रखवा सकता है। प्राधिकरण सचिव अजय गोदारा ने पक्षकारान के द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने प्रकरण के निस्तारण में सहयोग किए जाने व अधिवक्तागण से प्रकरणों के निस्तारण तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु सहयोग प्रदान करने की अपील की है। राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु 21 फरवरी से प्री-काउंसलिंग भी सभी न्यायालयों में करवाई जा रही है।
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