आचार संहिता के दौरान, कार्यों पर होती है पाबंदी...?
ज्यपुर (राजस्थान) चुनावी समय में आचार संहिता के तहत राजनीतिक पार्टियां और प्रत्याशी क्या कर सकते हैं । और क्या नहीं, ऐसे कार्य होते हैं जो चुनाव को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं।
- आचार संहिता लागू होने पर सरकार नई योजना और नई घोषणाएं नहीं कर सकती। भूमिपूजन और लोकार्पण भी नहीं हो सकते।
- चुनाव प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सरकारी गाड़ी, बंगला, हवाई जहाज का उपयोग वर्जित होता है।
- राजनीतिक दलों को रैली, जुलूस या फिर मीटिंग के लिए परमिशन लेनी होती है।
- धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाता है।
- मतदाताओं को किसी भी तरह की भेट व रिश्वत नहीं दी जा सकती है।
- आचार संहिता लागू होते ही दीवारों पर लिखे गए सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री हटा दी जाती है। होर्डिंग, बैनर व पोस्टर भी हटा दिए जाते हैं।
- मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते हैं।
- मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित नहीं की जा सकती है।
- चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी को किसी भी नेता या मंत्री से उसकी निजी यात्रा या आवास में मिलने की मनाही होती है।
- किसी भी प्रत्याशी या पार्टी पर व्यक्तिगत हमले नहीं किए जा सकते हैं।
- किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।
- आदर्श आचार संहिता लगने के बाद नए राशन कार्ड भी नहीं बनाए जा सकते।
- विधायक, सांसद या विधान परिषद के सदस्य लोकल क्षेत्र में विकास फंड से नई राशि जारी नहीं कर सकते हैं।
- सरकारी खर्चे पर किसी नेता के आवास पर इफ्तार पार्टी या अन्य पार्टियों का आयोजन नहीं कराया जा सकता है।
- कोई भी नया सरकारी काम शुरू नहीं होगा। किसी नए काम के लिए टेंडर भी जारी नहीं होंगे।
- आदर्श आचार संहिता लगने के बाद बड़ी बिल्डिंगों को क्लियरेंस नहीं दी जाती है।
- मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक लग जाती है।
- हथियार रखने के लिए नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बनेगा। बीपीएल के पीले कार्ड भी नहीं बनाए जाएंगे।