Alwar भगत सिंह सर्किल पर अमर शहीदों को याद कर श्रद्धांजलि की गई अर्पित
अलवर :- भगत सिंह सर्किल पर अमर शहीदों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान विचार संगोष्ठी व माल्यार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया। नेहरू युवा केंद्र अलवर युवा अधिकारी पंकज यादव ने अपने विचार व्यक्त किए। ने बताया कि 23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु की देशभक्ति के अपराध की संज्ञा देकर फांसी पर लटका दिया गया। मृत्युदंड के लिए 25 मार्च की सुबह तय की गई थी, लेकिन किसी बड़े जन आक्रोश की आशंका से डरी हुई अंग्रेज सरकार ने 23 मार्च की रात्रि को ही इन क्रांति वीरों की जीवन लीला समाप्त कर दी। उन्होंने किशोरावस्था में देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। ब्लॉक कोऑर्डिनेटर हरिओम गुर्जर ने बताया कि दुनिया में जब भी भारत की आजादी की बात होगी, उस वक्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अद्भुत योगदान देने वाले क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह को हमेशा याद किया जाएगा. आज यानी 23 मार्च को शहीद भगत सिंह की पुण्यतिथि है. ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि आज जिस उम्र में बच्चे किताबों और फोन तक सीमित हैं. उस उम्र में भगत सिंह ने देश की आजादी का सपना देखा था और उसके लिए शहीद हुए थे. आज शहीद भगत सिंह की पुण्यतिथि पर जानते हैं, अभिषेक कौशिक ने बताया कि भगत सिंह के मन में आजादी और देश प्रेम के सोच सबसे पहले उनकी मां से मिली थी. उनके बाल मन में पिता और चाचा के बीच बातचीत को लेकर सवाल उठते थे. ऐसे में उनकी मां ही उनको सारे सवालों का जवाब दिया करती थी. मां की शिक्षाएं और उनके प्रति प्रेम भगत सिंह के पूरे जीवनकाल में दिखाई देता था, इस मौके पर तारेश जोरवाल रोटरेट क्लब से निष्ठा नारंग पूस्प दुलानी हर्ष अमित मीणा सतीश रामनिवास उपस्थित रहे।